मणिपुर में डेढ़ महीनों से जारी हिंसा न रोक पाने में असफल अमित शाह को अपने पद पर बने रहने का क्या हक़ है? क्या उनकी ये अब तक की सबसे बड़ी नाकामी नहीं है? क्या उन्होंने ईमानदारी से हिंसा को रोकने के प्रयास किए? अगर किए तो फिर वे नाकाम साबित क्यों हुए? क्या आंतरिक सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार का दावा इससे झूठा साबित नहीं हो जाता?