भारत के नागरिकता विधेयक पर दुनिया भर में बहस क्यों हो रही है? क्या इसलिए कि इस विधेयक में मुसलिमों को बाहर छोड़ देने पर भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि ख़राब होगी? नागरिकता विधेयक पर लंदन के पत्रकार क्या सोचते हैं? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार और ब्रिटेन में भारतीय पत्रकार संघ के अध्यक्ष नरेश कौशिक के साथ चर्चा।
नागरिकता विधेयक को लेकर अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने अमित शाह पर प्रतिबंध लगाने की बात क्यों की? यदि अमेरिका ऐसी कोई कार्रवाई करता है तो क्या वह शाह का वीज़ा रद्द करेगा? आख़िर नागरिकता पर अमेरिकी संस्था को क्या है परेशानी? देखिए शीतल के सवाल में वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और क़ानूनी मामलों के जानकार व सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश कुमार सिन्हा से चर्चा।
नागरिकता संशोधन विधेयक धर्म के आधार पर नागरिकता की वकालत क्यों? हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को तो नागरिकता देने की बात की गई है, लेकिन मुसलिमों को इसमें शामिल नहीं किया गया है? आख़िर मोदी-शाह यह विधेयक क्यों लेकर आए? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
खनिजों से भरी ज़मीन से अमीर झारखंड के लोग बेहद ग़रीब हैं। जहाँ ग़रीबी का राष्ट्रीय औसत 28 फ़ीसदी है वहाँ झारखंड में यह 46 फ़ीसदी है। नया निवेश आया नहीं और पुराने में मंदी है। राम मंदिर, धारा 370 और एनआरसी के भरोसे बीजेपी चुनावी मैदान में है। बीजेपी का क्या होगा हाल? सत्य हिंदी पर देखिए 'शीतल के सवाल'।
महाराष्ट्र में मोदी-शाह की जोड़ी चित हुई। शरद पवार के आगे शाह क्यों फ़ेल हो गए? शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में कैसे पहुँच गई। क्या झारखंड में भी हालत ख़राब होगी? क्या यह पूरे देश में बीजेपी के लिए ख़तरे की घंटी है? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।
क्या फ़ेल हो गया अमित शाह का ब्रह्मास्त्र? क्या देवेंद्र फडणवीस सरकार बचा पाएँगे? क्या शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस बचा पाएँगी अपने विधायकों को? महाराष्ट्र में इतनी नाटकीयता क्यों है? क्या सुप्रीम कोर्ट का सोमवार को आने वाला फ़ैसला तय करेगा महाराष्ट्र में सरकार का भविष्य? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।
अब अमित शाह ने क्यों कहा है कि एनआरसी पूरे देश में लागू किया जाएगा? क्या यह किसी को डराने के लिए है? और उनके डरने से क्या अमित शाह या बीजेपी को क्या फ़ायदा होगा? देखिए इसका विश्लेषण सत्य हिंदी पर शैलेश की रिपोर्ट में।
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा सफ़ाई देते हुए कहा कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन बिल अलग-अलग चीजें हैं। एनआरसी पूरे देश में लागू होगा और इसमें सभी धर्मों के लोग आएंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महाराष्ट्र में राज्यपाल के राष्ट्रपति शासन लगाने के फ़ैसले का बचाव किया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने क्यों कहा कि इतिहास को फिर से लिखे जाने की ज़रूरत है? क्या इसकी तैयारी चल रही है? और यदि इसे फिर से लिखा जाता है तो इसमें क्या बदलाव होंगे?
अमित शाह के ‘हिंदी हमारे देश को एकजुट करती है’ के बयान ने ही लोगों को ‘अलग’ करना शुरू कर दिया है। रजनीकांत ने कहा कि हिंदी को न सिर्फ़ तमिलनाडु बल्कि दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में नहीं थोपा जाना चाहिए।
क्या बीजेपी अवैध रूप से रह रहे लोगों को देश से बाहर कर देगी? अमित शाह ने एक बार फिर से क्यों जोर देकर कहा है कि उनकी सरकार घुसपैठियों को चुन-चुनकर देश से बाहर करेगी? क्या यह राजनीतिक बयानबाज़ी है? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।