गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि बीजेपी नेताओं के नफ़रत वाले बयान के कारण नुक़सान हुआ होगा। उनका यह बयान दिल्ली विधानसभा में बीजेपी को बड़ी हार मिलने के बाद पहली बार आया है।
मित शाह को लगता है कि बीजेपी दिल्ली की 70 में से 45 सीटें जीतने जा रही है। उन्हें लगता है कि सांगठनिक कमज़ोरी के चलते और पिछली बार की तरह देश व्यापी कार्यकर्ताओं के इस बार दिल्ली न पहुँचने के चलते आप बीजेपी की सामर्थ्य का मुक़ाबला नहीं कर पाएगी। देखिए 'दिल्ली किसकी' में शीतल पी सिंह का विश्लेषण।
अपूर्ण राज्य दिल्ली में बीजेपी ने इतनी ताक़त झोंक दी है जितनी उसने कई पूर्ण राज्यों में भी नहीं झोंकी थी। हार के डर से रजाई में घुस गए समर्थक और कार्यकर्ताओं को बाहर निकालकर सड़क पर दौड़ा दिया गया है। बीजेपी के सारे सांसद-मंत्री, मुख्यमंत्री दिल्ली की गलियाँ छान रहे हैं। देखिए 'दिल्ली किसकी' एपिसोड-7 में शीतल पी सिंह का विश्लेषण।
देश के गृह मंत्री अमित का यह बयान क्या अजीबोगरीब नहीं है कि बटन ऐसा दबाना कि शाहीन बाग़ में करंट लगे? क्या शाह नागरिकता क़ानून पर प्रदर्शन से घबरा गए हैं या दिल्ली चुनाव में बीजेपी की ख़राब हालत से? वैसे प्रशांत किशोर ने भी दिलचस्प दिया है कहा कि बटन तो प्यार से ही दबेगा पर जोर का झटका धीरे से लगेगा। देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
लगभग 6 घंटों के इंतज़ार के बाद केजरीवाल कर पाए नामांकन। शाह: डंके की चोट पर कह रहा CAA वापिस नहीं होने वाला।RTI: JNU ने ख़ुद माना सर्वर रूम में नहीं हुई थी तोड़फोड़।Satya Hindi
शाह: डंके की चोट पर कह रहा CAA वापिस नहीं होने वाला।RTI: JNU ने ख़ुद माना सर्वर रूम में नहीं हुई थी तोड़फोड़।केजरीवाल के नामांकन में घंटों देरी, बीजेपी पर लगाया आरोप।Satya Hindi
गृह मंत्री अमित शाह ने यह कह कर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि राष्ट्रविरोधी नारे लगाने वालों को सीधे जेल भेज दिया जाएगा। प्रश्न यह है कि क्या नारा लगाने मात्र से ही किसी को जेल की सज़ा हो सकती है?
अमित शाह ने एक इंटरव्यू में एनपीआर और एनआरसी पर सफ़ाई दी और कहा कि दोनों के बीच कोई संबंध नहीं है। तो पहले उनकी पार्टी क्यों संबंध बताती रही थी? क्या शाह झूठ नहीं बोल रहे हैं? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।
संसद के इस सत्र को गृह मंत्री अमित शाह ने अपने, अपनी पार्टी और अपनी विचारधारा के नाम कर लिया। उन्होंने बड़ी चतुराई और दृढ़ता से पूरे देश में ध्रुवीकरण की राजनीति को नयी आँच दे दी जो राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद ठंडी पड़ना शुरू हो गई थी। सत्य हिंदी पर देखिए शीतल के सवाल।
सरकार एनआरसी लाकर लगातार घुसपैठियों को देश से भगाने का दावा करती रही तो अब नागरिकता देने की बात क्यों? सरकार ने एनआरसी से कितने घुसपैठियों को बाँग्लादेश भेजा? अब नागरिकता विधेयक क्यों? अब जब असम जल रहा है तो सरकार क्या कर रही है? क्या बंदूक़ की गोली इसका जवाब हो सकती है? देखिए आशुतोष की बात।
धर्म के आधार पर लाए गए नागरिकता संशोधन विधेयक क्या संविधान का उल्लंघन नहीं है? क्या संविधान में धर्म के आधार पर किसी क़ानून बनाने की इजाज़त है? ऐसे में संसद से मंज़ूरी मिलना क्या संविधान के साथ खिलवाड़ नहीं है? सत्य हिंदी पर देखिए इन सवालों के जवाब आशुतोष की बात में।