क्या ममता बनर्जी ने टीएमसी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस दिलाने के लिए अमित शाह को फ़ोन किया था। जानिए, बीजेपी नेता के दावे पर ममता बनर्जी ने क्या कहा।
बिहार के दो प्रमुख नेता नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी लगभग एक ही समय में दिल्ली में थे। नीतीश जहां विपक्षी दलों को एकजुट करने के मिशन पर थे, वहीं पूर्व सीएम मांझी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिल रहे थे। मांझी और शाह की मुलाकात का क्या सबब था। क्या मांझी बीजेपी का मोहरा बन सकते हैं। जानिए इस रिपोर्ट सेः
बिहार में रामनवमी की शोभायात्रा के बाद हुई हिंसा को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह ने नीतीश सरकार की आलोचना की है और दंगाइयों को चेताया है। जानिए उन्होंने क्या कहा।
गहलोत ने कहा कि पंजाब में अमृतपाल का नाम बहुत चर्चा में है। उसका कहना है कि अगर मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी हिंदू राष्ट्र की बात कर सकते हैं, तो मैं खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकता हूं।
कांग्रेस सहित 14 विपक्षी
दलों ने अपने नेताओं के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के 'मनमाने
इस्तेमाल' को
लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कांग्रेस ने रविवार को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगर वह राज्य विधानसभा चुनाव जीतती है तो वह कर्नाटक में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) सूची में श्रेणी 2 बी के तहत मुसलमानों को दिए गए 4% आरक्षण को बहाल करेगी।
कर्नाटक चुनाव से पहले राज्य में अब हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे उठने लगे हैं। जानिए, मुसलिम कोटा ख़त्म किए जाने के बाद आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी पर मुसलिम तुष्टीकरण का आरोप क्यों लगाया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष से आगे बात करने और सदन की कार्यवाही शुरू करने की पेशकश की है। लेकिन उन्होंने नियम मानने की शर्त का भी उल्लेख किया है। अमित शाह की पेशकश का फोकस मुख्य रूप से कांग्रेस है। जानिए और क्या कहा अमित शाह नेः
कथित ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले में हाल की कार्रवाइयों को लेकर तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह पर निशाना साधते हुए क्यों कहा कि उन्हें अब डायलॉग बदल लेना चाहिए?
इन होर्डिंगों में जिन नेताओं को शामिल किया गया था उसमें हिमंत बिस्वा शर्मा, नारायण राणे, शुभेंदु अधिकारी, सुजाना चौधरी, अर्जुन खोटकर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, ईश्वरप्पा और विरुपाक्षप्पा के चेहरे प्रमुखता से दिखाए गए थे।
इस साल कई राज्यों में चुनाव है और उन्हें 2024 की रिहर्सल माना जा रहा है। लेकिन तमाम राज्यों में बीजेपी तमाम तरह के संकटों से जूझ रही है। पार्टी पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की पकड़ ढीली पड़ने की बातें कही जा रही हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के चुनाव बाद घटनाक्रम को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो टिप्पणी की है, उससे उस समय के घटनाक्रम मेल नहीं खाते हैं। ज्यादा पुराना इतिहास नहीं है। जानिएः
चुनाव आयोग द्वारा पार्टी का नाम और उसके चुनाव चिह्न उद्धव ठाकरे खेमे से छीन लिए जाने पर पार्टी के मुखपत्र सामना में संपादकीय छपा है। जानिए इसमें अमित शाह को क्यों महाराष्ट्र का दुश्मन बताया गया है?