ख़बर है कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के मुंबई स्थित घर ‘राजगृह’ पर तोड़फोड़ की गई है। यह घटना 7 जुलाई की है। जहाँ गमले तो तोड़े ही गए, सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ डाले गए।
डॉ. आंबेडकर दलितों को हिंदू धर्म की गुलामी पर आधारित वर्ण व्यवस्था से बाहर निकालना चाहते थे। बौद्ध धर्म में प्रगतिशील विचारों की मौजूदगी के कारण ही उन्होंने इसे अपनाया।
कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से जारी देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुन कर कई तरह के ख़याल आए।
आधुनिक भारत के निर्माता बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर (14 अप्रैल 1891 से 6 दिसंबर 1956) ने भारत की एकता और अखंडता का सपना देखा। उनका मानना था कि जातिवाद और जातीय घृणा की वजह से देश का पतन हो रहा है।
आर्थिक जगत में डॉ. भीमराव आम्बेडकर के योगदान को हमेशा कमतर आँका गया है। आज़ादी के बाद अगर उन्हें समय मिलता, तो निश्चित ही अर्थशास्त्री के रूप में उनकी सेवाओं का लाभ दुनिया ले पाती।
महिलाओं की आज़ादी के पैरोकार आम्बेडकर के देश में कभी हैदराबाद तो कभी उन्नाव तो कभी कहीं और महिलओं के बलात्कार व हत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं। आम्बेडकर क्या ऐसा भारत बनाना चाहते थे?
लोकसभा चुनावों में हर वयस्क वोट डाल रहा है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में हर वयस्क नागरिक को मतदान का अधिकार दिलाने के लिए बाबा साहब भीम राव आम्बेडकर ने एक लंबी लड़ाई लड़ी थी?