क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून आने के बाद रिज़र्व बैंक एक डिजिटल करेंसी भी जारी करने जा रहा है। लेकिन सवाल है कि जिसकी कोई वास्तविक क़ीमत नहीं है उसको मान्यता कैसे मिलेगी?
दुनिया भर के विशेषज्ञ भारत में आर्थिक विकास दर के बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। जानिए, आर्थिक विशेषज्ञों को धनतेरस और दिवाली से क्यों है तरक्की की उम्मीद।
दाम बढ़ने की वजह यही है कि कंपनियों का ख़र्च बढ़ गया है। और वो भी तब जबकि वो किफायत के सारे रास्ते आजमा चुकी हैं। ऐसे में दाम काबू करने का दबाव शायद बहुत से क़ारोबारों के लिए ख़तरनाक भी साबित हो सकता है।
पेट्रोल डीजल इतना महंगे क्यों है? अधिकतर इसका जवाब जानते होंगे। लेकिन मोदी सरकार पूर्व में कांग्रेस शासन में ऑयल बॉन्ड को इसलिए ज़िम्मेदार क्यों मानती है? इसमें कितनी सच्चाई है?
श्रीलंका में फ़ूड इमरजेंसी यानी खाद्य आपातस्थिति का ऐलान हुआ है। जानकारों का कहना है कि यह सिर्फ़ खाने का संकट नहीं है बल्कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी मुसीबत का संकेत है और दरअसल यह आर्थिक आपातकाल का ऐलान है।
कोविड-19 महामारी के बाद की कमज़ोरी दूर होने का नाम ही नहीं ले रही। शरीर पर असर हो, हमारे काम धंधों पर असर हो या देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर। सबसे बड़ा संकट तो रोज़गार के बाज़ार में दिख रहा है।
मई में ही अप्रैल महीने के लिए थोक महंगाई का जो आँकड़ा आया उसमें महंगाई बढ़ने की दर ग्यारह साल की नई ऊंचाई पर दिख रही है। पिछले साल के मुक़ाबले साढ़े दस परसेंट ऊपर।
सरकार के दावों पर और अख़बारों के पहले पन्नों पर यक़ीन करें तो कोरोना की दूसरी लहर भी अब ख़त्म होने को है। सवाल पूछा जाने लगा है कि बाज़ार कब खुलेंगे, कितने खुलेंगे? हम कब बाहर निकल कर खुले में घूम पाएँगे?
सुप्रीम कोर्ट जाकर अपने लिए खास परमिशन ले आए कि लॉकडाउन न लगाना पड़े। लेकिन हारकर आख़िरकार उन्हें भी लॉकडाउन ही आख़िरी रास्ता दिखता है, कोरोना के बढ़ते कहर को थामने का। महाराष्ट्र ने कड़ाई बरती तो फायदा भी दिख रहा है।
वित्त मंत्रालय से ओवरसाइट की रिपोर्ट के बाद यह सवाल हवा में तैर रहा है कि एनएससी, पीपीएफ़ और बाक़ी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर आगे भी बरक़रार रहेगी या फिर पाँच राज्यों के चुनाव ख़त्म होने के बाद फिर कटौती होगी?
ममता बनर्जी ने अनेक गैर बीजेपी नेताओं को चिट्ठी लिखकर कहा है कि बीजेपी देश में एक पार्टी की तानाशाही लाना चाहती है। इसके खिलाफ सबको मिलकर लड़ना होगा। क्या है इसका मतलब?
सोमवार और मंगलवार को देश के सभी सरकारी बैंकों में हड़ताल रहेगी। देश के सबसे बड़े बैंक कर्मचारी संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने हड़ताल का आह्वान किया है।