Reliance के शेयर का चौथाई हिस्सा यानी पार्टली पेड शेयर आज सात सौ रुपए से ऊपर का बिक रहा था। जबकि उसका चार गुना यानी पूरा शेयर क़रीब सोलह सौ का। क्या है यह गोरखधंधा? समझिए आलोक जोशी के साथ।
बैंकों ने कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण क़र्ज़ों पर किस्त चुकाने में छूट दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर विचार कर रहा है जिसमें ब्याज माफ़ करने की माँग की गई है। अगली सुनवाई सत्रह जून को होगी।
हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ़ इलाज का खर्चा देगा। इससे इलाज नहीं होता। और जब तक हम अस्पताल और इलाज पर ज़ोर नहीं देंगे। ऐसी बीमारियों के सामने घुटने टेकने ही पड़ेंगे।
मुंबई में कोरोना इतना बेक़ाबू क्यों? अब मज़दूरों की कमी झेलेंगे बड़े शहर? उद्धव ठाकरे सरकार गिरेगी या बीजेपी टूटेगी? एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक से ख़ास बातचीत।
कोरोना का संक्रमण फैलने के साथ ही चीन पर सबसे ज़्यादा सवाल अभी खड़े हुए। कहा जा रहा है कि दुनिया की बड़ी कंपनियाँ अब चीन से बोरिया बिस्तर समेटेंगी। लेकिन क्या वो यूपी आ जाएँगी?
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का राइट्स इशू 3 जून तक चलेगा। लेकिन राइट्स की पात्रता यानी एन्टाइटलमेंट की ख़रीद बिक्री शुक्रवार को बंद हो जाएगी। शुक्रवार ही आख़िरी मौक़ा है आपके पास इसे बेचने या ख़रीदने का। लेकिन करना क्या है? प्रकाश दीवान से समझते हैं।
कोरोना काल का चौथा लॉकडाउन खत्म होने को है। लेकिन आसार दिखने लगे हैं। कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। इकोनॉमी, जीडीपी, रोज़गार और जीवन पर क्या असर पड़ा और कितना वक्त लगेगा इससे उबरने में? आलोक अड्डा में मनिपाल ग्लोबल के चेयरमैन मोहनदास पई से ख़ास चर्चा।
मज़दूरों की बदहाली का ज़िम्मेदार कौन? आगे क्या राज्यों से परमिट लेकर जाएँगे मज़दूर? कोरोना काल में से राजनीति क्यों? आशुतोष, आलोक जोशी, कॉंग्रेस के चरण सिंह सापरा और बीजेपी के मनीष शुक्ला की चर्चा।
बीस लाख करोड़ का पैकेज, इतिहास में सबसे बड़ा! मगर ग़रीबों और मिडिल क्लास को क्या मिला? आलोक अड्डा में आशुतोष और वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ टीसीए श्रीनिवास राघवन और बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक ए के भट्टाचार्य से बातचीत!