हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी पर लगे आरोपों की जांच कौन करेगा? सुप्रीम कोर्ट ने बंद लिफाफे का मोदी सरकार का प्रस्ताव ठुकराया। कहा विशेषज्ञ समिति सरकार नहीं कोर्ट बनाएगा। अब क्या जांच होगी और कौन करेगा? क्या अडानी और एजेंसियों पर लगे आरोपों का सच सामने आएगा?
कॉंग्रेस ने बीजेपी आइटी सेल पर लगाए गंभीर आरोप। कहा चुनाव पर असर डालने के लिए इसराइली एजेंसी का इस्तेमाल हो रहा है। पूछा क्या इसके लिए भारतीयों की जानकारियां भी विदेश भेजी गईं? कैंब्रिज एनालिटिका और पेगासस के बाद डाटा चोरी और उसके दुरुपयोग का एक और गंभीर आरोप। क्या है इन आरोपों के पीछे?
शेयरों की गिरावट थामने के लिए अडानी समूह की कोशिशें तेज़। बॉंड निवेशकों का भी भरोसा जगाने की कोशिश। क्या हिंडनबर्ग का हौवा टल गया? बीबीसी पर इनकम टैक्स की कार्रवाई का अडानी कांड से क्या रिश्ता हो सकता है? आलोक जोशी के साथ राजीव रंजन सिंह।
बीबीसी के दफ्तरों पर इनकम टैक्स के छापे। बीबीसी पर टैक्स चोरी का आरोप। बीजेपी प्रवक्ताओँ ने बीबीसी पर आरोपों की झड़ी लगाई। क्या यह मोदी पर डॉक्यूमेंटरी का बदला है? या मोदी सरकार मीडिया को दबाने की कोशिश कर रही है? आलोक जोशी के साथ शिवकांत शर्मा, निधीश त्यागी, वेद जैन और राजीव रंजन सिंह।
सुप्रीम कोर्ट में अडानी कांड पर सरकार ने फिर एक बंद लिफाफे की पेशकश की है। मोदी सरकार को जांच से तो एतराज नहीं है, लेकिन जांच कैसे हो यह वो अदालत को बंद लिफाफे में बताएगी। कोर्ट ने शुक्रवार तक का वक्त दिया है। तो क्या अब सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगे आरोपों पर जांच बैठा देगा? उधर अडानी के शेयरों में गिरावट थम नहीं रही है। कंपनी के भविष्य पर कैसे सवाल उठ रहे हैं?
मुश्किलों से घिरे अडानी समूह ने अमेरिका में कानूनी लड़ाई की तैयारी तेज़ की। क्या हिंडनबर्ग को सबक सिखा देगा अडानी समूह? या अमेरिका में कानूनी लड़ाई मुश्किल होगी? उधर शेयर बाज़ार में बुरी खबरों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं लेता।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा 2004 से 14 के बीच मौके गंवा दिए पिछली सरकार ने। दस साल बर्बाद हो गए। नौ साल सरकार चलाने के बाद पिछले दस साल का भूत क्यों जगा रहे हैं प्रधानमंत्री? क्या है अर्थव्यवस्था की असलियत? वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार टीसीए श्रीनिवास राघवन के साथ
अडानी के शेयरों में सुधार के आसार। लेकिन संसद में राहुल का मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला। क्या बाज़ार में अडानी की मुश्किलें खत्म हो गई हैं? और क्या अब अडानी कांड पर राजनीति तेज़ होगी? आलोक जोशी के साथ राजीव रंजन सिंह और राजनीतिक विश्लेषक।
अडानी कांड पर भारी हंगामे और दस लाख करोड़ से ज्यादा स्वाहा होने के बाद भी सेबी कहां है? सूत्रों से खबर आई है कि सेबी विदेशी निवेशकों की शिनाख्त कर रहा है। लेकिन ऐसा कैसे हो पाएगा? इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट राजीव रंजन सिंह के साथ आलोक जोशी
भारी पिटाई के बाद अडानी समूह के शेयरों में तेज़ी कैसे दिखी? क्या अडानी की मुश्किलें खत्म हो गई हैं? सरकार की सफाई के बाद क्या फिर बढ़ने लगेंगे कंपनी के शेयर? हिंडनबर्ग का असर पूरा हो गया? या पिक्चर अभी बाकी है?
गौतम अडानी के साम्राज्य की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। शेयरों में भारी गिरावट जारी है, लगभग 47% मार्केट कैप स्वाहा हो चुका है। अब अडानी ही नहीं सरकार भी दबाव में है। सवाल है कि यह अडानी के घोटाले का खुलासा है, अडानी पर हमला है या अडानी के बहाने निशाना कहीं और है?
मोदी सरकार के आख़िरी पूर्ण बजट में सबको कुछ देने की कोशिश। मिडिल क्लास और गाँव की महिलाएँ से बड़े उद्योगों तक को साधने की कोशिश। क्या यह बजट चुनाव जितानेवाला है? अर्थव्यवस्था की असली चुनौतियों पर क्या कहता है? और मिडिल क्लास को भी जो मिला वो काफ़ी है क्या? आलोक जोशी के साथ आनंद प्रधान, सौरव झा और सीए पुनीत सखूजा।
20 हज़ार करोड़ के एफपीओ के ठीक पहले अडानी समूह पर घोटाले के आरोप क्यों? क्या है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में? क्या यह आसानी से ठंडा पड़नेवाला विवाद है? आज का आलोक अड्डा।
पठान की धमाकेदार ओपनिंग। बहिष्कार जीवियों को जबर्दस्त झटका। क्या बॉयकॉट के नारों को नहीं सुनते फिल्मों के शौकीन? पठान का हिट होना क्या दिखाता है? आलोक जोशी के साथ अमिताभ, बोधिसत्व, जवरीमल पारख और धनंजय कुमार।