संदिग्ध परिस्थितियों में सुशांत सिंह राजपूत की मौत और उसके आसपास खड़े हो रहे सवाल। बिहार और मुंबई पुलिस के बीच खिंची तलवारें। किसी अपराधी को बचाने की कोशिश या चुनाव से पहले राजनीति गर्म करने का फॉर्मूला? संविधान विशेषज्ञ विराग गुप्ता से खास बातचीत।
दस लाख पार करने के बाद क्या और तेज होगी कोरोना की रफ़्तार? क्या कह रहे हैं आँकड़े? कहाँ चूक गई सरकार? डाटावाणी के अपूर्व भारद्वाज और अनब्रेकिंग के राजेंद्र तिवारी से बातचीत।
विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया! क्या साथ में क़ानून और न्याय व्यवस्था का भी एनकाउंटर हो गया? आलोक अड्डा में आशुतोष, शीतल, हर्षवर्धन त्रिपाठी, शरद गुप्ता और राजकेश्वर सिंह!
कानपुर में दस पुलिसवालों के नरसंहार का मुख्य अभियुक्त विकास दुबे उज्जैन में महाकाल मंदिर से गिरफ्तार।ये गिरफ्तारी है या नाटक? वरिष्ठ पत्रकार राजा शर्मा, रामदत्त त्रिपाठी, अकु श्रीवास्तव, शीतल पी सिंह और अरुण अस्थाना के साथ चर्चा।
कानपुर में एक बदमाश को पकड़ने गई पुलिस पार्टी पर हमले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या किस बात का प्रतीक है। वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी और वीरेंद्र नाथ भट्ट से बातचीत।
बीस लाख करोड़ का पैकेज, इतिहास में सबसे बड़ा! मगर ग़रीबों और मिडिल क्लास को क्या मिला? आलोक अड्डा में आशुतोष और वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ टीसीए श्रीनिवास राघवन और बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक ए के भट्टाचार्य से बातचीत!
उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश, फिर गोवा और गुजरात। अनेक राज्यों में कोरोना के बहाने, निवेश और उद्योग लाने के नाम पर श्रम क़ानून हटाए जा रहे हैं। क्या इससे कोई फ़ायदा होगा? आलोक जोशी ने बात की दो टूक बोलने वाले पूर्व आईएएस अनिल स्वरूप से जो लेबर को भी समझते हैं और उद्योगों को भी।
लॉकडाउन तो ज़रूरी था। लेकिन अब यह सवाल है कि जिस बीमारी को रोकने के लिए देशबंदी की गई, कहीं ये इलाज उससे ज़्यादा ख़तरनाक तो नहीं बन जाएगा? मैनेजमेंट गुरु, दर्शनशास्त्री और लेखक गुरचरण दास से ख़ास बातचीत।
गुड फ़्राइडे से ईस्टर संडे। यह लंबा वीकेंड इंग्लैंड में ख़ास होता है। बड़ा त्योहार भी, और बड़ी छुट्टी भी। लेकिन इस बार कोरोना के डर ने मज़ा ख़राब कर दिया है। चमकदार धूप तो खिली है, लेकिन लंदन शहर के लोग सहमे हुए हैं। आलोक अड्डा में लंदन से जुड़ी हैं ख़ास मेहमान इशलीन कौर।
देश में लॉक डाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर जनता का आह्वान किया है। पाँच तारीख़ को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए लाइट बंद और दिया, मोमबत्ती या जैसे चाहें रोशनी दिखाएं। आलोक अड्डा में एक ख़ास चर्चा वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी के साथ।