चीफ जस्टिस एन वी रामन्ना ने कहा कि मीडिया का एक हिस्सा हर चीज़ को सांप्रदायिक रंग दे देता है। यह बात उन्होंने तबलीगी जमात और कोरोना वायरस से जुड़ी खबरों के मामले में कही। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों से देश का नाम खराब होता है। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि समाचार माध्यमों में जिम्मेदारी गायब होती जा रही है। आलोक जोशी के साथ रामकृपाल सिंह, एन के सिंह, आशुतोष और हर्षवर्धन त्रिपाठी।
तालिबान तो तालिबान है। गुड तालिबान और बैड तालिबान कुछ नहीं। यह कहनेवाली मोदी सरकार अब तालिबान से बात कर रही है। यह करना ज़रूरी है क्या? क्या इसपर सवाल उठाना गलत राजनीति है? आलोक जोशी के साथ विभूति नारायण राय, वेद प्रताप वैदिक, वीरेंद्र भट्ट और हिमांशु बाजपेई
अमेरिका भाग गया। बेलगाम तालिबान। कैसे चलेगा अफगानिस्तान? अब तो भारत ने भी तालिबान से बात कर ली। क्या है आगे का रास्ता? आलोक अड्डा में वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार हारून रशीद, बीबीसी हिंदी के पूर्व संपादक शिवकांत, वरिष्ठ पत्रकार हिसाम सिद्दीकी, आशुतोष और हिमांशु बाजपेई
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे चुकी थी सीबीआई? कॉंग्रेस एनसीपी ने किया दावा और जांच की मांग। सीबीआई का दावा उनके खिलाफ सबूत हैं। भ्रष्टाचार की जांच चल रही है या राजनीति की चालें?आलोक जोशी के साथ पूर्व पुलिस अधिकारी पी के जैन, राजनीतिक विश्लेषक सुनील तांबे, वरिष्ठ पत्रकार तुलसीदास भोइते, सोमदत्त शर्मा और हिमांशु बाजपेई
जहां कॉग्रेस के पास सत्ता है वहीं इतनी खलबली क्यों है? पंजाब में कैप्टन अमरिंदर को सिद्धू की चुनौती। और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की राह में कांटोेें की खेती। ऐसे कैसे मोदी को चुनौती देगी कॉंग्रेस पार्टी? आलोक अड्डा में रशीद किदवई, यूसुफ अंसारी, अंबरीश कुमार, राघवेंद्र दुबे, नरेश अरोड़ा और हिमांशु बाजपेई।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़े वर्ग के आरक्षण से समृद्ध तबके या क्रीमी लेयर को बाहर रखने की हरियाणा सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाई। कहा सिर्फ आर्थिक आधार पर नहीं हो सकता आरक्षण का फैसला। जाति जनगणना की मांग पूरे ज़ोर पर चल ही रही है। तो क्या आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बोल से बाहर निकल आया है?
इंदौर में एक चूड़ीवाले की पिटाई और फिर उस पर मुक़दमा। अजमेर में एक भिखारी और उसके बच्चे की पिटाई। दोनों ही मुसलमान थे। यह कौन सा धर्म है जो ऐसा आतंक फैलाने की शिक्षा देता है? आलोक अड्डा में प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद, अनिल शर्मा, संजीव श्रीवास्तव, अलीशान जाफ़री और हिमांशु बाजपेई
कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने बीजेपी नेताओं का तांता लगा। शरीर त्यागते ही बीजेपी नेतृत्व को कैसे याद आए कल्याण सिंह? क्या चुनाव से पहले यह कसरत बीजेपी का कल्याण कर पाएगी? आलोक जोशी के साथ राम कृपाल सिंह, वीरेंद्र नाथ भट्ट, शरद गुप्ता, शीतल पी सिंह और हिमांशु बाजपेई।
काबुल पर तालिबान का कब्जा, लेकिन पुूरे अफगानिस्तान पर नहीं। पंजशीर में अहमद मसूद के लड़ाकों ने लोहा लिया तो काबुल में आम अफगान सड़क पर निकल आए। क्या अफगानिस्तान गृहयुद्ध की कगार पर है?
भारत के अलग अलग शहरों में अफगानिस्तान के बहुत से छात्र पढ़ते हैं। अफगानिस्तान में सत्ता पलट के बाद इनके लिए मुसीबत हो गई है। और बड़ी मुसीबत यह है कि इनमें से बहुतों के वीसा खत्म हो रहे हैं। क्या करें, कहां जाएं, यह सवाल है इनके आगे। आलोक अड्डा में आज ऐसे ही कुछ छात्रों से बातचीत
चुपचाप तालिबान से सौदा कर निकल लिया अमेरिका। चीन ने मौकापरस्ती की मिसाल दी। पाकिस्तान को तालिबान से फायदा होगा? भारत के लिए खतरा बढ़ गया है? क्या भारत ने तालिबान को मान्यता देने में देर कर दी है? पाकिस्तान, चीन और अमेरिका में काम कर चुके पूर्व राजनयिक और राजदूत विष्णु प्रकाश से आलोक जोशी की बातचीत।
मुठभेड़ोंं में तैंतीस सौ से ज्यादा कथित अपराधियों की टांग पर गोली लगी है। यानी उन्हें लंगड़ा कर दिया गया। क्या है ऑपरेशन लंगड़ा।आलोक जोशी के साथ पूर्व पुलिस महानिदेशक और लेखक विभूति नारायण राय, वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान और किस्सा गो हिमांशु बाजपेई
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ विचित्र मामला। फ़र्ज़ी डिग्री से चुनाव लड़ने का आरोप। पेट्रोल पंप आवंटन पर भी सवाल। बीजेपी नेता ने की याचिका!! आपराधिक मामला दर्ज करने की माँग. क्या इसके पीछे पॉलिटिक्स है? आलोक जोशी के साथ याचिकाकर्ता दिवाकर त्रिपाठी, अंबरीश कुमार और आशुतोष
किन्नैर में आज फिर एक भयानक हादसा हुआ। कुदरत चेतावनी दे रही है और आइपीसीसी की रिपोर्ट कह रही है कि दस बीस साल में ही हन बहुत बड़ी तबाही की ओर बढ़ रहे हैं। आलोक जोशी के साथ पर्यावरण पत्रकार हृदयेश जोशी, बीबीसी के पूर्व संपादक शिवकांत और हिमांशु बाजपेई ।
अफगानिस्तान में खूनखराबा और तेज़ हुआ। आधे से ज्यादा देश में फैला तालिबान। अमेरिका वापसी पर अड़ा। कैसे चलेगी अफगान सरकार? क्या यह बनेगा भारत के लिए सिरदर्द? विवेक काटजू, एस डी मुनि, शिवकांत, और शाहज़ेब जीलानी के साथ आलोक जोशी और हिमांशु बाजपेई।