इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए इससे जुड़े सरकारी अधिकारियों को जो़रदार फटकार लगाई है और कहा है कि इसकी आपूर्ति नहीं करना अपराध है और यह किसी तरह नरसंहार से कम नहीं है।
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में लगे हुए 135 शिक्षकों, शिक्षा मित्रों और जाँचकर्ताओं की मौत की ख़बर पर तीखी टिप्पणी करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर सफाई माँगी है।
उत्तर प्रदेश के हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत पिछले दो सालों में निरुद्ध 41 लोगों में (जिनमें 90 फ़ीसदी अल्पसंख्यक थे) 30 की गिरफ़्तारी ग़लत क़रार दी। नौकरशाही को आख़िर हुआ क्या है?
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) का दुरुपयोग किस तरह करती है और इसके जरिए किस तरह ख़ास समुदाय के लोगों को निशाने पर लेती है, इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट के कुछ मामलों से समझा जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के इस्तेमाल पर सवाल उठते रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 120 मामलों में से 94 मामलों को खारिज कर दिया और हिरासत में लिए गए आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव ने मसजिदों से सुबह की नमाज़ की अज़ान का यह कह कर विरोध किया है कि इससे उनकी नींद टूट जाती है और वे उसके बाद सो नहीं पाती हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को ज़िला प्रशासन से कहा है कि वह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ न जाए। कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें कहा गया था कि सीतापुर प्रशासन ने किसानों को नोटिस जारी किया है।
अंतरधार्मिक शादी को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह का नोटिस प्रकाशित करना अनिवार्य नहीं होगा। यह शादी करने वाले युवक-युवती की पसंद पर निर्भर करेगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान नाबालिगों की कथित अवैध हिरासत पर योगी सरकार से जवाब तलब किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता क़ानून का प्रदर्शन कर रहे जिन लोगों से सार्वजनिक संपत्ति के नुक़सान के रुपये वसूलने के लिए नोटिस भेज दिया गया था, उस पर इलाहाबाद कोर्ट ने रोक लगा दी है।