महाराष्ट्र के बाद यूपी में सपा-आरएलडी गठबंधन टूटने की खबरें आ रही हैं। आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने एनडीए में जाने और किसी केंद्रीय मंत्री से मिलने की खबरों का खंडन किया है लेकिन हकीकत यही है सपा से उनके रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे हैं। पढ़िए यह राजनीतिक रिपोर्टः
यूपी में समाजवादी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी भाजपा शैली में शुरू कर दी है। पार्टी पिछले एक साल में कई स्तर के चुनाव हार चुकी है और उसे अब समझ में आ गया है कि बिना कैडर के पार्टी आगे नहीं बढ़ सकती। क्या है उसकी तैयारी जानिएः
क्या यूपी की राजनीति करवट ले रही है। शहरी निकाय चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि मुस्लिम मतदाता अब सपा-बसपा से बतौर डिफाल्ट नहीं जुड़ा है। उनकी वोटिंग का पैटर्न बता रहा है कि उनकी पंसद अब छोटी पार्टियां और यहां तक की भाजपा भी है।
अखिलेश यादव ने ऐसे संगठनों नफरत फैलाने संगठनों पर बैन लगाने का समर्थन किया है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नफरत फैलाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
कोलकाता में जेडीयू नेता नीतीश कुमार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के साथ विपक्षी एकता पर बैठक कामयाब रही। नीतीश अब लखनऊ जा रहे हैं, जहां शाम को अखिलेश से बात होगी। हाल ही में नीतीश ने कांग्रेस नेताओं से बात की थी। नीतीश इस समय विपक्षी एकता की धुरी बन गए हैं।
बिहार के सीएम विपक्षी एकता के लिए दूसरे दौर का दौरा फिर शुरू करने जा रहे हैं। वो आज 24 अप्रैल को बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मिलने वाले हैं। हाल ही में नीतीश ने कांग्रेस और आप के नेताओं से मुलाकात की थी।
पुलिस की मौजूदगी में और लाइव कवरेज के दौरान अतीक अहमद और अशरफ़ की गोली मारकर हत्या की वारदात ने झकझोर कर रख दिया है। विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानें उन्होंने क्या-क्या कहा।
झांसी में आज हुए एनकाउंटर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जांच की मांग की है। अतीक के बेटे असद और कथित शूटर गुलाम का एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तारीफ की है।
समाजवादी पार्टी दलित वोट बैंक की तरफ रुख कर रही है। दलितों की मौजूदा समय में नेता मायावती की राजनीति की वजह से दलित अब अन्य पार्टियों में जा रहे हैं। बीजेपी से काफी तादाद में दलित जुड़ चुके हैं। लेकिन जो दलित बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहते हैं, वो भी सहारा तलाश रहे हैं। ऐसे में सपा की पहल रंग ला सकती है।
रायबरेली में कांशीराम की मूर्ती का अनावरण करके अखिलेश दलित वोट को अपने पाले में लाने के साथ कांग्रेस को भी संदेश दे रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में नहीं जाएगी।
विपक्षी एकता को झटके लगना शुरू हो गए हैं। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कहा है कि सपा इस बार अमेठी और रायबरेली से लड़ेगी। दोनों गांधी परिवार की परंपरागत सीटें हैं। दोनों के बयान और घटनाक्रम विपक्षी एकता को लेकर कुछ और इशारा कर रहे हैं।
विपक्षी एकता की तमाम कोशिशों के बीच टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार बता रहे हैं कि तीसरे मोर्चे की सियासत जमीनी स्तर पर कामयाब नहीं होने वाली है। पढ़िए उनकी पूरी बातः