उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल मिलकर लड़ेंगे। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। सूत्रों की ओर से दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोक दल को 7 सीटें देने को तैयार हो गई है।
यूपी में अब विपक्षी गठबंधन 'इंडिया ' की ताकत का आकलन करना चाहिए. मायावती का रुख साफ़ हो चुका है. विधानसभा में भी साफ़ था. पर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, लोकदल और कई छोटे दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे. उनकी साझा ताकत कितनी है? आज की जनादेश चर्चा.
इंडिया गठबंधन के दलों में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है। कांग्रेस ने यूपी के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी से पहले दौर की बातचीत पूरी कर ली है। अगली बैठक 12 जनवरी को है। जिसमें सीटों पर अंतिम निर्णय हो सकता है।
इंडिया गठबंधन में मतभेद और मनभेद का सिलसिला जारी है। अब खबरें आ रही हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव बसपा को लेकर काफी चौकन्ने हैं। वे इंडिया गठबंधन में बसपा की एंट्री रोकने को लेकर किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, जिसे इंडिया छोड़ने की धमकी भी है। जानिए नया राजनीतिक घटनाक्रमः
विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक 19 दिसंबर को हो सकती है। अब लगभग सारे विपक्षी नेता इंडिया की बैठक में शामिल होने को राजी हो गए हैं। पश्चिमी यूपी के प्रमुख नेता जयंत चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी रालोद (आरएलडी) पूरी तरह गठबंधन के साथ है। वो अगली बैठक में शामिल होंगे।
जिस तेजी से विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन ने आकार लिया था किया उसी तेजी से इसमें अब दिक्कतें आने लगी हैं? आख़िर एक के बाद एक नेता इंडिया की बैठक से किनारे क्यों हो रहे हैं?
यह रिपोर्ट मध्य प्रदेश चुनाव नतीजों पर नहीं है। बल्कि इस पर है कि एमपी में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 72 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए, 24 रैलियां कीं। बड़ी-बड़ी बातें की और उनके भाषणों का निशाना कांग्रेस थी, जबकि एमपी में सत्ता भाजपा के पास थी और अब भाजपा वहां फिर से वापस आ गई है। इसलिए अखिलेश की पैंतरेबाजी पर बात करना जरूरी है।
यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की राजनीति इन दिनों देखने वाली है। वो इंडिया गठबंधन को लगातार डुबो रहे हैं। वो बसपा प्रमुख मायावती की तरह कांग्रेस और राहुल गांधी को निशाना बना रहे हैं। एमपी में भाजपा सत्ता में है, लेकिन वहां भी अखिलेश के निशाने पर कांग्रेस और राहुल हैं। अखिलेश के रुख में बदलाव की वजह क्या मानी जाए, जानिएः
मध्यप्रदेश में कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन को लेकर जो खटपट शुरू हुई है, वह लगता है अभी भी दूर नहीं हुई है। जानिए, आख़िर जेल में आज़म ख़ान से मिलने पर दोनों दलों में क्यों रार है।
समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित मुख्यालय के बाहर लगे पोस्टर में अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री बताया गया है। यह पोस्टर सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने लगाया है। इस पोस्टर ने यूपी की राजनीति को गर्म कर दिया है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस पार्टी की अरुचि पर जिस तरह से अखिलेश यादव प्रतिक्रिया दे रहे हैं, वह शुरुआत में ही दरार को दर्शाता है। आख़िरकार यह कैसे होगा, यह लाख टके का सवाल है।