काबुल हवाई अड्डे पर हुए धमाकों से यह संकेत मिलता है कि इसलामिक स्टेट अब वहां पहले से अधिक मजबूती से उभर कर आ सकती है और तालिबान के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर हिंसा फैला सकती है। पढ़ें, प्रमोद मल्लिक का यह लेख।
काबुल हवाई अड्डे के बाहर गुरुवार शाम दो जबरदस्त बम धमाके हुए, उसके बाद गोलियाँ चलीं, जिनमें अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है। आईएसआईएस ने इस विस्फोट की ज़िम्मेदारी ली है।
तालिबान ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को बैठ कर बातचीत के जरिए आपसी विवाद सुलझा लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को विवादित इलाके के प्रति सकारात्मक रवैया रखना चाहिए।
तालिबान ने तीन मंत्री नियुक्त किए हैं, जिनमें दो दागी हैं। रक्षा मंत्री उस व्यक्ति को बनाया गया है जो आतंकवादियों के लिए बदनाम ग्वांतोनामो जेल में बंद थे।
पत्रकार का नाम ज़ियार ख़ान याद है। उन्होंने बताया कि वह काबुल के नए शहर में रिपोर्टिंग कर रहे थे, उसी दौरान यह वाकया हुआ। उनका कैमरा, तकनीकी सामान और मोबाइल को तालिबानियों ने लूट लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से क़दम उठाने के लिए कहा था। इधर, भारत अफ़ग़ानिस्तान में फंसे भारतीयों की वतन वापसी के काम में जुटा हुआ है।
पंजशिर घाटी की ओर बढ़ रहे तालिबान लड़ाकों को उसके पहले अंदराबी घाटी में अहमद मसूद और अमीरुल्ला सालेह के नेतृत्व वाले सेकंड रेजिस्टेन्स के लोगों ने रोक दिया है।
काबुल स्थित हामिद करज़ई हवाई अड्डे के बाहर हुई गोलीबारी में एक अफ़ग़ान गार्ड मारा गया है, तीन गार्ड्स बुरी तरह घायल हो गए हैं। जर्मन सेना ने इसक पुष्टि कर दी है।