जर्मनी के सरकारी प्रसारक ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान लड़ाकों ने 'ड्यूश वेले' यानी डीडब्ल्यू के पत्रकार के एक रिश्तेदार की गोली मारकर हत्या कर दी है। आतंकवादी उस पत्रकार की घर-घर तलाशी ले रहे थे, जो अब जर्मनी में काम करता है।
क्या अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था ऐसी है जिसे तालिबान संभाल सके? आर्थिक मदद पर निर्भर अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी? अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान के ही 9.5 बिलियन डॉलर रिजर्व को फ्रीज कर दिया है।
अफ़ग़ानिस्तान में अब शासन प्रशासन पर तालिबान का कब्जा हो गया है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफ़ग़ानिस्तान के मसले पर जो बयान दिया, वह उसके नीतिगत बदलाव के संकेत देते हैं।
तालिबान को 20 साल किसने ज़िंदा रखा, मज़बूती दी? जानिए तालिबान के शीर्ष के 4 नेताओं को जिन्होंने अमेरिकी सेना को न सिर्फ़ चुनौती दी बल्कि उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया?
अफ़ग़ानिस्तान संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की उच्चस्तरीय बैठक ली। यह बैठक तब हो रही है जब आज काबुल स्थित दूतावास से भारत के कर्मचारियों को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान वापस लौटा है।
अफ़ग़ानिस्तान में उथल-पुथल है। तालिबान अब सत्ता में वापस लौट आया है। ऐसा लगता है कि अमेरिका ने काफ़ी पहले ही अफ़ग़ानिस्तान युद्ध में हार मान ली थी। वियतनाम युद्ध के बाद अफ़ग़ानिस्तान में एक और हार!
अमेरिका ने तालिबान से वार्ता की, अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद चीन, पाकिस्तान, ईरान जैसे देशों ने समर्थन की घोषणा की। लेकिन भारत ने क्या किया? कहीं भारत अलग-थलग तो नहीं पड़ता जा रहा है?
भारत की विदेश नीति कैसी है? अफ़ग़ानिस्तान में भारत की हालत अजीब-सी हो गई है। तीन अरब डॉलर वहाँ खपानेवाला और अपने कर्मचारियों की जान कुर्बान करनेवाला भारत हाथ पर हाथ धरे बैठा है।