हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई उसने रिपोर्ट दे दी है। कहा है कि अडानी के खिलाफ शेयर बाज़ार में धांधली के कोई सबूत नहीं मिले हैं? लेकिन क्या यह रिपोर्ट क्लीन चिट है? इसके बाद सेबी की जांच में कुछ और निकलेगा? क्या यह राजनीति कर रहे विपक्षी दलों के मुंह पर तमाचा है? या मोदी सरकार को बड़ा सहारा? आलोक जोशी के साथ राजीव रंजन सिंह और हर्षवर्धन त्रिपाठी