देश के प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडाणी की 6 कंपनियों को सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया या सेबी ने कारण बताओ नोटिस भेजा है। सेबी ने लिस्टिंग एग्रीमेंट और डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट से जुड़े नियामों का उल्लंघन करने पर ये नोटिस भेजे हैं।
पिछले साल उठा अडानी हिंडनबर्ग का तूफान अभी भी मंद क्यों नहीं पड़ रहा है? आख़िर एक के बाद एक रिपोर्टों में क्यों निवेश के नियमों के उल्लंघन की रिपोर्टें आ रही हैं। जानिए, सेबी की ताज़ा जाँच में क्या सामने आया।
इस जांच के जरिये यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि गौतम अडानी समूह की किसी कंपनी या फिर इससे जुड़े किसी व्यक्ति ने एक एनर्जी प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी है या नहीं।
Satya Hindi news Bulletin हिंदी समाचार | अडानी ग्रुप केस: ‘लोग इस फैसले को 'क्लीन चिट' बता रहे हैं, वे वही लोग हैं…’ | ‘मोदानी मेगास्कैम की तह तक जाने के लिए JPC से कम कुछ भी नहीं
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सेबी की जाँच को सुप्रीम कोर्ट ने सही क्यों ठहराया? क्या सेबी की जाँच निष्पक्ष मानी जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी की जाँच को मंज़ूरी क्यों नहीं दी? क्या सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से अडानी और उनके साम्राज्य पर उठे तमाम सवालों के जवाब मिल गए हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अडानी समूह को बड़ी राहत दी। अदालत में याचिकाएं दायर कर मांग की गई थी कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के संदर्भ में एसआईटी जांच कराई जाए। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें सेबी जांच पर भरोसा नहीं है। वहां हितों का भी टकराव है। अदालत के फैसले के बाद उद्योगपति गौतम अडानी ने भी टिप्पणी की है।
सुप्रीम कोर्ट अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-मूल्य में हेराफेरी के आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर बुधवार को अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने जांच को सेबी से एसआईटी को सौंपने से इनकार कर दिया और कहा कि सेबी ने जांच में लापरवाही नहीं बरती है।
लॉ से जुड़ी खबरों की वेबसाइट लाईव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिकाओं के उस समूह पर फैसला सुरक्षित रख लिया। इसमें हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर तय समय सीमा के भीतर अडानी-हिंडनबर्ग मामले में अपनी जांच पूरी नहीं करने के लिए सेबी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की गई है।
महुआ मोइत्रा संसद से बर्खास्त होंगी । संसद की एथिक्स कमेटी ने की सिफ़ारिश । क्या उन्हें बोलने की सजा मिली है ? क्यों नहीं अब तक रमेश विधूडी पर कोई फ़ैसला हुआ है ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद शर्मा, गौतम लाहिड़ी, यशोवर्धन आजाद, राजीव रंजन सिंह।
क्या महुआ मोइत्रा मोदी के बिछाए जाल में फँस गई हैं? क्या दर्शन हीरानंदानी के हलफ़नामे के साथ उनके बचने के रास्ते बंद हो गए हैं? क्या हीरानंदानी ने पीएमओ के दबाव में हलफ़नामा दिया है? अब उनकी संसद सदस्यता जाना तय है? क्या मोदी सरकार उन्हें किसी आपराधिक मामले में फँसाकर जेल भी भेजेगी? क्या करेंगी महुआ, समर्पण या संघर्ष?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार 18 अक्टूबर को अडानी समूह पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कोयले की बढ़ती कीमतों के पीछे अडानी समूह है, इस वजह से जनता को बिजली महंगी मिल रही है। अडानी समूह को मोदी सरकार का संरक्षण है। राहुल गांधी ने इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें इस आशय की रिपोर्ट प्रकाशित भी हुई है।
क्या मोदी सरकार अब महुआ मोइत्रा को जेल भेजने की तैयारी कर रही है? क्या उन्हें इसलिए निशाने पर लिया गया है क्योंकि वो अडानी पर लगातार हमले बोलकर मोदी के लिए धर्मसंकट खड़े कर रही थीं? क्या महुआ पर लगाए आरोपों में किसी तरह का दम है? क्या करेंगी अब महुआ मोइत्रा? चुप बैठ जाएंगी या जेल जाने की तैयाकी करेंगी? ममता बनर्जी इस जंग में उनका कितना साथ देंगी?
अडानी ने हज़ारों करोड़ के कोयले घोटाले को कैसे अंजाम दिया? अडानी की कंपनियों ने मार्केट रेट से ज़्यादा भाव पर कोयला आयात क्यों किया? ओवर इनवायसिंग करके उसने पैसे को बाहर क्यों भेजा? क्या बाहर भेजा गया पैसा मॉरिशस के रास्ते अडानी की कंपनियों में लगा? सेबी और मोदी सरकार इस घोटाले से आँखें क्यों मूँदें हुई हैं? क्या मोदी के आशीर्वाद से अडानी इस घोटाले से भी बच जाएंगे?