अडानी मुद्दा गरम है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। राहुल ने आरोपों के दौरान अडानी के श्रीलंका प्रोजेक्ट का जिक्र किया था। आखिर क्या था वो प्रोजेक्ट, राहुल कितना सच बोले, जानिएः
पिछले कुछ दिनों से अडानी के जिन शेयरों में तेजी से गिरावट की वजह से निचला सर्किट लग रहा था उनमें आज ऐसा क्या हो गया कि तेजी की वजह से ऊपरी सर्किट लगने लगा?
संसद में चौथे दिन भी हंगामा हुआ। सरकार ने कल सोमवार को विपक्षी नेताओं से कई बैठकें और संसद चलाने का अनुरोध किया। दोपहर बाद ही सदन में ठीक से चर्चा का माहौल बना। उसे पहले सदन दो बार स्थगित हुआ।
अडानी समूह ने खुद को क्लीन चिट देने के लिए पूरा ज़ोर लगा लिया है। लेकिन शेयरों में गिरावट जारी है। उधर बाबा रामदेव की पतंजलि में भी गिरावट शुरू हो गई है। आखिर ये क्या संकेत देते हैं?
अडानी कांड पर भारी हंगामे और दस लाख करोड़ से ज्यादा स्वाहा होने के बाद भी सेबी कहां है? सूत्रों से खबर आई है कि सेबी विदेशी निवेशकों की शिनाख्त कर रहा है। लेकिन ऐसा कैसे हो पाएगा? इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट राजीव रंजन सिंह के साथ आलोक जोशी
अडानी समूह का टेंडर रद्द करने के बाद अब डिस्कॉम नए सिरे से टेडंर प्रक्रिया का शुरु करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के हवाले से माना जा रहा है कि दूसरे पावर डिस्कॉम भी एमवीवीएनएल की राह पर चल सकती हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों के भाव गिरने का जो सिलसिला पिछले हफ़्ते शुरू हुआ था वह सोमवार को भी जारी रहा। कुछ कंपनियाँ संभली भी हैं। जानिए किस कंपनी की क्या है स्थिति।
अडानी समूह विवाद के मामले में अब क्या ख़बर की जगह बयान परोसे जा रहे हैं? जानिए, एसबीआई ने जो अडानी समूह को 27,000 करोड़ रुपये दिए हैं उसको लेकर क्यों सवाल उठ रहे हैं।
अडानी पर अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) भी अडानी के साथ खड़ा हो गया है। उसके मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने खुलकर उन लोगों को घेरा है जो अडानी को लेकर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। आमतौर पर संघ ऐसे विवादास्पद आर्थिक मामलों में हाथ नहीं सेंकता है। आखिर कुछ तो इसका मतलब है।
अडानी मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शनिवार को पहला बयान दिया। निर्मला ने कहा कि अडानी को एलआईसी और एसबीआई सहित तमाम बैंकों ने नियमों का पालन किया है।
अडानी मामले में जांच की मांग को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर पूरा दबाव बना दिया है। उसने 6 फरवरी को एलआईसी और एसबीआई दफ्तरों पर देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है।
अडानी समूह के शेयर में आए उथल-पुथल से क्या भारतीय बैंकों के लिए कोई बड़ा जोखिम है? आख़िर यह सवाल क्यों उठ रहा है? जानिए इसके बारे में आरबीआई ने क्या कहा।
अडानी समूह पर छाए संकट की वजह से एसबीआई सहित तमाम सरकारी बैंकों और एलसीआई को लेकर एक तरफ सवाल उठ रहे हैं तो दूसरी तरफ वित्त मंत्री, पूर्व वित्त सचिव ने शुक्रवार को देश को भरोसा दिया कि चिन्ता की कोई बात नहीं है।
एसबीआई ने 21000 करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक ने अडानी समूह की कंपनियों को 7000 करोड़ का लोन दे रखा है। अडानी समूह इस समय संकट में है। शेयर मार्केट में उसकी कंपनियां डूब रही हैं। ऐसे में सवाल उठ खड़ा हुआ है कि कहीं सरकारी बैंकों के लोन पर तो कोई खतरा नहीं है, अगर ऐसा हुआ तो सरकारी बैंक डूब सकते हैं।