दिल्ली सरकार द्वारा टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने के मामले में उप राज्यपाल ने क्या सवाल उठाया है? दिल्ली सरकार ने इस मामले में बीजेपी को निशाने पर क्यों लिया है?
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सूचना मांगी है कि आखिर यह कौन से विज्ञापन हैं जिनके लिए वसूली नोटिस दिया गया है और इनमें गैर कानूनी क्या है।
वसूली नोटिस में कहा गया है कि अगर आम आदमी पार्टी के संयोजक 10 दिनों के भीतर इस राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो दिल्ली के उपराज्यपाल के द्वारा दिए गए पुराने आदेश के मुताबिक पार्टी की संपत्तियों की कुर्की सहित सभी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लड़की को कार से कई किलोमीटर तक घसीटने के कंझावला मामले ने अब काफ़ी ज़्यादा तूल पकड़ लिया है। जानिए, आख़िर क्यों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जाँच के आदेश देने पड़े।
सबसे ज़्यादा चंदा पाने के मामले में बीजेपी तो पिछले कई साल से शीर्ष पर है, लेकिन क्या आपको पता है कि कांग्रेस कैसी स्थिति में है? जानिए, एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार किसे कितना चंदा मिला।
पहले से ही कर्ज में डूबे पंजाब में मुफ्त बिजली योजना क्या राज्य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगी? आख़िर सरकार को भारी मात्रा में कर्ज क्यों लेना पड़ रहा है?
दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीएम केजरीवाल के प्रचार पर भारी खर्च पर सवाल उठाया है। लेकिन क्या सभी मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री से एक ही सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए?
केजरीवाल सरकार से 97 करोड़ माँगने का आधार कितना सही है? क्या बीजेपी की सरकारें सरकारी धन से अपना प्रचार नहीं कर रही हैं? क्या केंद्र की मोदी सरकार अपने प्रचार में हज़ारों करोड़ खर्च नहीं कर रही है? आख़िर इस समस्या का इलाज क्या है?
दिल्ली के एलजी ने आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ की वसूली के लिए कहा है. आरोप है सरकारी विज्ञापन का पैसा चुनाव प्रचार में फूंक दिया गया. आज की जनादेश चर्चा.
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी शासित राज्य गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम ने अपने विज्ञापन दूसरे राज्यों में दिए हैं और इनकी कीमत 22000 करोड़ है।
क्या अरविंद केजरीवाल ने आप की विचारधारा स्पष्ट कर दी है? विचारधारा के नाम पर उन्होंने जो कुछ कहा है क्या उससे भ्रम दूर हो जाएंगे? उनका कट्टर राष्ट्रवाद संघ के राष्ट्रवाद से कैसे अलग है?
बीजेपी ने गुजरात में रिकॉर्ड जीत दर्ज की। राज्य की क़रीब 85 फ़ीसदी सीटें बीजेपी को कहाँ से मिलीं? आख़िर उसे किस क्षेत्र से किस वर्ग ने वोट दिया? जानिए, आँकड़ों का विश्लेषण।