अगर आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर पांव पसारेगी तो क्या वह विपक्ष का बड़ा चेहरा बनेगी। कांग्रेस लगातार शिकस्तों के बाद भी संभलने के लिये तैयार क्यों नहीं है।
हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगने के कारण अगर बीजेपी को सांप्रदायिक कहा जाता है तो जब मुसलमान किसी पार्टी को एकमुश्त वोट देते हैं तो उस पार्टी को सांप्रदायिक क्यों नहीं माना जाए?
दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी का फ़ोकस अपनी सरकार के कामकाज पर रहा तो बीजेपी के नेताओं ने हिंदुस्तान-पाकिस्तान, शाहीन बाग़ को मुद्दा बनाने की कोशिश की।