महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी और शिवसेना के नेता आमने-सामने हैं। यह राजनीतिक लड़ाई एजेंसियों के जरिए भी लड़ी जा रही है।
यूपी चुनाव जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है, बीजेपी विधायकों के भाषण की भाषा बदल रही है। डुमरियागंज के बीजेपी विधायक और हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र सिंह का वीडियो चर्चा में है।
बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल पहले भी पंजाब में कई बार मिलकर सरकार चला चुके हैं। लेकिन इस बार दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े थे। क्या वे फिर से साथ आ सकते हैं?
राजनीतिक बयानबाजी का स्तर इतना घटिया हो गया है कि पांच राज्यों के चुनाव में यह देखने को मिल रहा है। यूपी में आज प्रधानमंत्री मोदी और एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान के बयान पर गौर फरमाएं।
यूपी में तीसरे चरण के मतदान के दौरान बीजेपी नेता खुलेआम कमल पर बटन दबाते हुए अपना वीडियो बना रहे हैं और उसे सोशल मीडिया पर जारी कर रहे हैं लेकिन मात्र दो मामलों को छोड़कर बाकी घटनाओं में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। चुनाव आयोग भी मूक दर्शक बना हुआ है।
यूपी चुनाव में तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। अभी तक ध्रुवीकरण कराने में नाकाम रही बीजेपी अब तीसरे चरण के मतदान की पूर्व संध्या पर आतंकवाद का मुद्दा भी लेकर आ गई है।