मई 2021 में विधानसभा चुनावों में 77 सीटों के साथ मज़बूत विपक्षी दल के रूप में उभरने के बाद बीजेपी हाल के निकाय चुनावों में विफल रही। पार्टी में क्या सबकुछ ठीक नहीं है?
एक वक्त में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में मजबूत सियासी हैसियत रखने वाली बीएसपी क्या फिर से वैसी ही मजबूत हो पाएगी, यह सवाल मायावती और कांशीराम के समर्थकों के मन में लगातार उठता रहा है।
70 सीटों वाले उत्तराखंड में अगर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो निश्चित रूप से निर्दलीयों या अन्य दलों से जो विधायक जीतेंगे उनका रोल बेहद अहम हो जाएगा।
कई एग्जिट पोल गोवा में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं दिखा रहे हैं। ऐसी स्थिति में निर्दलीय विधायकों और छोटी पार्टियों के समर्थन की जरूरत होगी और शायद इसीलिए कांग्रेस ने पहले से अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
सत्यपाल मलिक किसान आंदोलन के दौरान लगातार कुछ न कुछ ऐसा बोलते रहे जिससे बीजेपी और मोदी सरकार की खासी किरकिरी हुई थी। मलिक ने इस बार फिर ऐसा ही कुछ बोला है।
संजय राउत ने आरोप लगाया कि गोवा के अलावा एक और चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में भी फोन टैपिंग हो रही है। महाराष्ट्र में फोन टैपिंग पर बीते साल काफी बवाल हो चुका है।
दूसरे चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह और पूर्व उपमुख्यमंत्री गैखंगम गंगमेई शामिल हैं। राज्य में अधिकतर सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।
सातवें और अंतिम चरण में 54 सीटों पर मतदान होना है। जिन जिलों में मतदान होगा उनमें- आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र शामिल हैं।
पूर्वांचल में छठे चरण के मतदान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आज जौनपुर और चंदौली में दो रैलियों को संबोधित किया। आज उनके भाषण से यूक्रेन गायब था। दोनों ही रैलियों में उन्होंने कोई खास बात नहीं। पहले की तरह परिवारवादियों पर हमला बोला।