यूपी विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद सपा और अखिलेश यादव को तेजी से खारिज करने की कोशिश कतिपय टीवी चैनलों की बहसों में हो रही है। लेकिन दरअसल यह चुनाव सपा के लिए मौका लाया है और उसके हालात और बेहतर होने वाले हैं।
चुनाव नतीजों में बीजेपी को 32 सीटें मिली हैं, जबकि एनपीपी को 7, एनपीएफ को 5, कांग्रेस को 5, जेडीयू को 6, कुकी पीपल्स अलायंस को 2 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 3 सीटों पर कामयाबी हासिल हुई है।
गोवा के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। वहां सबसे बड़ी पार्टी सरकार नहीं बना पाती और कम सीटों वाली पार्टी सरकार बना लेती है। फिलहाल वहां बीजेपी जीत की ओर है। उससे सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। अंतिम नतीजा आने तक गोवा पर संशय बरकरार रहेगा।
कांग्रेस इस बात पर नजर रख रही है कि बीजेपी उसके विधायकों में किसी तरह की तोड़फोड़ ना कर सके। इसलिए वह विधायकों को चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद राजस्थान शिफ्ट करने की तैयारी में है।
मई 2021 में विधानसभा चुनावों में 77 सीटों के साथ मज़बूत विपक्षी दल के रूप में उभरने के बाद बीजेपी हाल के निकाय चुनावों में विफल रही। पार्टी में क्या सबकुछ ठीक नहीं है?
एक वक्त में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में मजबूत सियासी हैसियत रखने वाली बीएसपी क्या फिर से वैसी ही मजबूत हो पाएगी, यह सवाल मायावती और कांशीराम के समर्थकों के मन में लगातार उठता रहा है।
70 सीटों वाले उत्तराखंड में अगर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो निश्चित रूप से निर्दलीयों या अन्य दलों से जो विधायक जीतेंगे उनका रोल बेहद अहम हो जाएगा।
कई एग्जिट पोल गोवा में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं दिखा रहे हैं। ऐसी स्थिति में निर्दलीय विधायकों और छोटी पार्टियों के समर्थन की जरूरत होगी और शायद इसीलिए कांग्रेस ने पहले से अपनी तैयारी शुरू कर दी है।