जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने केजरीवाल को कटघरे में खड़ा कर दिया है। क्या केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ओवैसी के आरोपों का जवाब देंगे?
कांग्रेस आलाकमान यह संदेश देना चाहता है कि वह अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगा लेकिन पार्टी को मिल रही करारी हार और नेताओं के छोड़कर जाने से निश्चित रूप से पार्टी कमजोर भी हो रही है।
खरगोन में हुए सांप्रदायिक दंगों की मार वसीम अहमद शेख पर भी पड़ी है। प्रशासन ने बिना कोई नोटिस दिए उनकी गुमटी को उजाड़ दिया। उनके सामने आजीविका चलाने की बड़ी मुश्किल खड़ी हो गयी है।
जहांगीरपुरी में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। पुलिस सुबूतों को इकट्ठा कर रही है और हिंसा में शामिल अभियुक्तों की धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही है।
बीते कुछ दिनों में पेट्रोल और डीजल के साथ ही सीएनजी की कीमत भी अच्छी खासी बढ़ी है। इससे आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ा है। सरकार इस मामले में ऑटो, कैब चालकों को क्या कुछ राहत देगी?
जहांगीरपुरी हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है, पुलिस इसकी जांच में जुटी है। पुलिस ने दंगा करने, हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। उपद्रवियों की धरपकड़ जारी है।
विधानसभा, निकाय चुनाव के बाद उपचुनाव में भी जीत हासिल करने वालीं ममता बनर्जी बंगाल में और ताक़तवर होती जा रही हैं और विपक्ष उनके सामने सिकुड़ता जा रहा है।
राज ठाकरे के द्वारा राज्य सरकार को मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाने की चेतावनी देने के बाद महा विकास आघाडी सरकार के नेताओं से उनका विवाद बढ़ता जा रहा है।