सीमा पात्रा को जब इस बात का पता चला कि उनका बेटा घरेलू सहायिका की मदद कर रहा है तो उसने उसे रांची में न्यूरो-मनोचिकित्सा से संबंधित अस्पताल में भर्ती करा दिया।
आखिर चर्च पर हमला क्यों और किसने किया। बताना होगा कि पंजाब में सिख संगठनों के द्वारा ईसाई धर्म का प्रचार करने वालों पर कई बार सिखों का जबरन धर्मांतरण करने का आरोप लगाया जा चुका है।
अंकिता की मौत के बाद उसके दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त प्रतिक्रिया है। अंकिता के परिवार वालों ने कहा है कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा होनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर में 2019 में धारा 370 के हटने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं और उसके बाद पहली बार राज्य में विधानसभा के चुनाव होंगे। देखना होगा कि गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचाते हैं।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर उसके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करवा रही है। क्या सिसोदिया की गिरफ्तारी हो सकती है?