अजय सिंह चौटाला के इनेलो से निकाले जाने के बाद अब पार्टी टूट के कगार पर पहुँच गई है। बँटी हुई पार्टी अगले विधानसभा चुनावों में पहले से भी ख़राब प्रदर्शन कर सकती है।
मुसीबतों से पार पाना वसुन्धरा के लिए आसान नहीं होगा। केन्द्रीय नेतृत्व के साथ भी उनके रिश्ते बेहतर नहीं हैं, ऐसे में उनके लिए पार्टी को जिताना बड़ी चुनौती है।
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मसजिद का विध्वंस किया गया था। नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फ़ैसला भी दे दिया। जानिए, अयोध्या विवाद पर 1853 से लेकर 2019 तक कब क्या हुआ।
स्कूल ऑफ़ भगवद्गीता के निदेशक के आश्रम पर हमले और आगजनी से साफ़ है कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध अब हिंसक तत्वों के हाथों में पहुँच चुका है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जानते हैं कि सीटों का सही बंटवारा न होने पर हालात ख़राब हो सकते हैं इसलिए उन्होंने कहा है कि सभी सहयोगियोँ को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों जोगी परिवार की जबर्दस्त चर्चा है। इसकी बड़ी वजह हैं ऋचा जोगी। वे हाल ही में बीएसपी में शामिल हुई हैं। ऋचा ने एमबीए किया है।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले ऋचा जोगी की राजनीति में एंट्री से खलबली क्यों मची है? अजीत जोगी की बहू या फ़िर उनकी पॉलिटिकल इंजीनियरिंग की वजह से?
राजस्थान में सभी 'ओपिनियन पोल' में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत पाती दिख रही है। मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी पर ‘खींचतान’ से कार्यकर्ता दो खेमे में बंटते दिख रहे हैं।
बीजेपी ने सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर सरकार को घेरने में कामयाबी हासिल की है। लगता है, उसकी रणनीति सियासी फ़ायदा उठाना है।
इनलो की गोहाना रैली में हो-हल्ले के बाद चौटाला परिवार में कोहराम मचा हुआ है। कहीं यह ओमप्रकाश चौटाला द्वारा अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने की तैयारी तो नहीं?