वाईएसआर कांग्रेस के जगमोहन रेड्डी के चाचा वाई. एस. आर विवेकानंद रेड्डी की हत्या के बाद आंध प्रदेश में सियासी भूचाल आया हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस वाला पुल गुरुवार को टूट गया और छह लोग मारे गये। हादसा-दर-हादसा, वही रिपोर्ट और वही जाँच के आदेश। परिणाम कुछ नहीं।
एजीपी के साथ पुनर्मिनल से बीजेपी को क्या लाभ मिलेगा? इस पर फ़िलहाल तो कुछ कहा नहीं जा सकता है पर यह तय है कि विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ़ में घमासान मचेगा।
महाराष्ट्र के सियासी परिवारों में सत्ता का संघर्ष होता रहा है। ठाकरे और भोसले राजघराने के बाद अब शरद पवार के परिवार में सत्ता को लेकर कलह शुरू हो गई है।
क्या बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के बाद भी पार्टी के शीर्ष नेताओं में अभी भी कोई कसक या गाँठ रह गयी है? एक दिन पहले ‘सामना’ में छपे संपादकीय को पढ़कर तो ऐसा ही लगता है।
मध्य प्रदेश में एक एडीजी के पिता की ‘मौत’ के ‘रहस्य’ ने समूचे प्रशासन और सरकार को ‘चक्कर’ में डाल रखा है। उनको 14 जनवरी को डॉक्टर मृत घोषित कर चुके हैं, लेकिन उनके परिवार का दावा है कि ‘वह जीवित हैं।’
अनुराग ठाकुर ने भी अगले चुनाव को लेकर एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रखा है, लेकिन पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की हार के बाद से कुछ नए नामों की चर्चा है।
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि दिल्ली न सही हरियाणा में ही कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी से चुनावी गठबंधन हो जाए।
विधानसभा में भाजपा के साथ मिलकर इन दलों ने शिवसेना को पटकनी देने में मदद की थी, लेकिन आज बीजेपी को शिवसेना का साथ मिलने पर ये सहयोगी दल बेगानों जैसे हो गये हैं।
आचार संहिता लागू हो गई है लेकिन महाराष्ट्र में गठबंधन और सीटों के बंटवारे का खेल अभी ख़त्म नहीं हुआ है। आकलन लगाया जा सकता है कि इस बार मुक़ाबला त्रिकोणीय होने वाला है।