कांग्रेस ने भोपाल से दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। सिंह को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद बीजेपी इस बात को लेकर परेशान है कि कौन सा नेता दिग्विजय को टक्कर दे सकेगा।
यह माना जा रहा था कि राष्ट्रीय जनता दल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय की सीट सीपीआई के दे देगा, पर ऐसा नहीं हुआ।
प्रियंका गाँधी मंगलवार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष व चंदौली से सांसद महेंद्रनाथ पांडे की बहू अमृता को अपने पाले में खींच लायीं। अमृता पांडे यूपी बीजेपी अध्यक्ष के सगे भाई जीतेंद्र पांडे की बहू हैं।
क्या उत्तर प्रदेश के चक्कर में कांग्रेस महाराष्ट्र को भूल गई है? जबकि राहुल गाँधी महाराष्ट्र की राजनीति पर ध्यान देकर उत्तर प्रदेश से ज़्यादा फल हासिल कर सकते हैं।
तेलंगाना में कांग्रेस की हालत ख़राब है। एक के बाद एक कांग्रेस के विधायक सत्ताधारी टीआरएस में शामिल होते जा रहे हैं। कांग्रेस के 19 विधायकों में से 9 ने एलान कर दिया है कि वे अब टीआरएस के साथ हैं।
केजरीवाल का साथ छोड़ने वालों में ताज़ा नाम है अल्का लाम्बा का। अल्का लाम्बा ने केजरीवाल पर जिस तरह के आरोप लगाए हैं, वैसे ही आरोप दूसरों ने भी लगाए और एक-एक करके पार्टी छोड़ते चले गए।
'आप' से गठबंधन को लेकर कांग्रेस में एक बार फिर हालात ख़राब हो गए हैं। इस मसले पर कांग्रेस के भीतर लेटर वॉर छिड़ गया है और पार्टी दो गुटों में बँट गई है।
मनोहर पर्रीकर की 25 वर्षों की लंबी राजनीतिक पारी के बाद गोवा में अब क्या होगा, यह सवाल बीजेपी ही नहीं राज्य के सामने भी खड़ा है। आशंका है कि यह सरकार भी जल्द संकट में घिर जाएगी।
प्रयागराज के मनैय्या घाट से प्रियंका गाँधी ने कांग्रेस की नाव गंगा में उतार दी है। गंगा में अपनी नाव उतारने से पहले प्रियंका ने संगम तट पर लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन भी किए।
भले ही गठबंधन की वजह से बीजेपी को 17 सीटों पर ही चुनाव लड़ना है, मगर पार्टी के कार्यकर्ता मानते हैं कि उसे अलग-अलग इलाक़ों में अपना प्रतिनिधित्व बनाकर रखना चाहिए था।
गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार परे राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया। दूसरी ओर, प्रमोद सावंत को अगला मुख्यमंत्री चुन लिया गया है।
पिछले चुनाव में बनारस जाकर नरेन्द्र मोदी का यह कहना कि मुझे गंगा माँ ने बुलाया है! अब प्रियंका पूर्वांचल की गंगा यात्रा करेंगी। इंदिरा गाँधी ने 1978 में पूर्वांचल से वापसी की थी तो क्या प्रियंका भी वैसा ही कमाल कर पाएँगी?
वैचारिक विचारधारा से इतर जातियों की गिनती कर अपनी पार्टी से जोड़ने का यह फ़ॉर्मूला बीएसपी को नुक़सान पहुँचा रहा है और वह लगातार अपने जनाधार गँवा रही है।