2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी कर्नाटक और तेलंगाना को छोड़ दक्षिण के किसी अन्य राज्य में कुछ भी हासिल नहीं कर पायी। अब बीजेपी के रणनीतिकारों ने दक्षिण के सभी राज्यों के लिए एक ख़ास रणनीति बनायी है।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नवंबर में अयोध्या जाकर राम मंदिर की माँग को हवा देने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे एक बार फिर 15 जून को अयोध्या क्यों जाने वाले हैं। क्या उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए दाँव खेला है?
क्या पश्चिम बंगाल सरकार अब जानबूझ कर केंद्र सरकार से टकराव के रास्ते पर चलेगी ताकि ममता बनर्जी इसका सियासी फ़ायदा उठा सकें और बीजेपी को राज्य में रोक सकें?
अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने कहा है कि संसद प्रस्ताव पारित कर ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए सिख समुदाय से माफ़ी माँगे। क्या मुमकिन है? किन-किन दंगों के लिए संसद माफ़ी माँगेगी?
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने कांग्रेस के सामने एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। केसीआर ने कांग्रेस के 18 में से 12 विधायकों को तोड़ लिया है।
चुनाव विशेषज्ञ और 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर अब ममता बनर्जी से जुड़ गए हैं। क्या उनकी मदद से मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल का क़िला बचा पाएँगी?
मालेगाँव बम धमाका कांड की अभियुक्त और बीजेपी सांसद ने भोपाल के शहर काज़ी से मुलाक़ात की और उन्हें ईद की बधाई दीं। इसका क्या मतलब है, लोग यह पूछ रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में प्रतीकों की राजनीति तेज़ हो गई है। ‘जय श्री राम’ की वजह से बाहरी लोगों की पार्टी कहे जाने पर पश्चिम बंगाल बीजेपी अब ‘जय माँ काली’ का नारा ले कर आई है।