उत्तर प्रदेश में 11 सीटों के विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी आत्मविश्वास के भरपूर है। लेकिन विपक्ष बिखरा और सुस्त पड़ा है। ऐसे में क्या वह चुनौती दे भी पाएगा?
पश्चिम बंगाल में असम की तरह एनआरसी लागू नहीं है, लेकिन इसकी दहशत उससे कम भी नहीं है। ऐसी अफ़रातफ़री है कि कई लोगों की मौत के दावे किए गए हैं। तो क्यों है इतनी दहशत कि स्थिति मौत तक पहुँच जा रही है?
डॉक्टर कफ़ील ख़ान ‘हीरो’ थे और आख़िर में भी ‘हीरो’ ही साबित हुए। सरकार ने उन्हें विलेन बनाया था और अब सरकार की ही रिपोर्ट में बेदाग़ बताए गए। इस घटना का विलेन कौन है?
गोरखपुर में दिमाग़ी बुखार से पीड़ित बच्चों का दिन-रात जाग कर इलाज करने वाले डॉ. कफ़ील ख़ान को योगी सरकार ने तमाम आरोपों से क्लीनचिट दे दी है। उन्हें बच्चों की जान बचाने वाला 'मसीहा' कहा गया है।
कमलनाथ सरकार को क्या स्थानीय निकायों को लेकर राजीव गाँधी के सपने की फ़िक्र नहीं है? इसने यह फ़ैसला क्यों लिया कि महापौर और नगर निगम अध्यक्ष को जनता सीधे अपने वोट के ज़रिए नहीं चुनेगी?
एनआरसी को लेकर मनोज तिवारी पर टिप्पणी करने के बाद केजरीवाल घिर गए हैं और उन्होंने संजय सिंह को दिल्ली का प्रभारी बना दिया है लेकिन क्या यह दाँव काम करेगा?
महाराष्ट्र कांग्रेस के एक बड़े नेता ने इंदौर पहुंचकर हनी ट्रैप के आरोप में सीखचों के पीछे क़ैद पूरे गोरखधंधे की मास्टर माइंड युवती से मुलाक़ात करने की कोशिश की है।