प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में चुनाव रैलियों में जिस तरह सावरकर का नाम लिया और विपक्ष पर निशाना साधा, सवाल उठता है कि क्या बीजेपी सावरकर के बहाने वोटों का ध्रुवीकरण कर रही है?
योगी सरकार के मंत्रियों से लेकर बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारी तक विधानसभा वार प्रचार में जुटे हैं। इसके उलट विपक्ष में चुनाव को लेकर कहीं कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है।
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख़्त ने आरएसएस पर जोरदार हमला बोला है। अकाल तख़्त ने कहा है कि संघ को आज़ादी से काम करने की अनुमति देने से देश का बंटवारा होगा।
कश्मीर के बच्चों के बीच तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है मुजाहिद यानी आतंकवादी का खेल। आतंकवाद और हिंसा की छाप उनके मनोविज्ञान को प्रभावित कर रही है। यह हाल दुनिया के तमाम कॉनफ्लिक्ट ज़ोन का है।
चुनावों के लिए जो मुद्दे गढ़े जा रहे हैं उनसे जनता का कोई सरोकार है या नहीं? या वे जनता को उनके मूलभूत मुद्दों से भटकाकर उन्हें भावनात्मक स्थिति में ले जाने वाले हैं।
5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से राज्य में बंद मोबाइल फ़ोन सेवाओं में से पोस्टपेड मोबाइल फ़ोन सेवाओं को शुरू कर दिया गया है।