बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही अपने बगावती नेताओं को मनाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश में साल 1985 से अब तक हर विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदलती रही है। देखना होगा कि इस बार क्या यह परंपरा कायम रहती है या फिर बीजेपी इसे तोड़ती है?
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बात करते हैं लेकिन छात्राओं को भी यूपीपीईटी की परीक्षा के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
अखिलेश यादव के सामने इस सीट पर जीत हासिल करने की चुनौती है। निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश में जल्द होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव और उसके बाद मुंह सामने खड़े 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव में जीत हासिल करना उनके लिए बेहद जरूरी होगा।
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और भगवंत मान सरकार के बीच चल रहे टकराव के बाद सवाल यह खड़ा होता है कि देश में जहां-जहां पर विपक्षी दलों की सरकारें हैं वहां के राज्यपालों की सरकार के साथ तनातनी क्यों रहती है।
कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री हरोली से, आशा कुमारी डलहौजी से, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर द्रंग से, धनीराम शांडिल सोलन से, पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा धर्मशाला से और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन सीट से चुनाव लड़ेंगे।