इससे भोपाल में 1984 के गैस कांड की भयावह घटना की याद ताजा हो गई। उसके बाद भी गैस रिसाव की घटनाएं हो चुकी हैं। आखिर प्रशासन पिछली घटनाओं से सबक क्यों नहीं लेता?
संत ने जो दो पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ा है उसमें कुछ लोगों पर आरोप लगाया है कि वे लोग उन्हें उनके पद से हटाना चाहते थे और इसके लिए उनका उत्पीड़न कर रहे थे। बसवलिंगा स्वामी 44 साल के थे।
दिल्ली और आसपास के शहरों में खराब हुई हवा और प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई। दिल्ली और गुड़गांव में मंगलवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 342 दर्ज किया गया।
दलित परिवार ने धर्म परिवर्तन का यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उनके परिवार के एक शख्स पर हमले के मामले में पुलिस ने सरपंच के पति का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया था।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही अपने बगावती नेताओं को मनाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश में साल 1985 से अब तक हर विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदलती रही है। देखना होगा कि इस बार क्या यह परंपरा कायम रहती है या फिर बीजेपी इसे तोड़ती है?