दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंसा पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। इसने कहा है कि अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें। कोर्ट का यह फ़ैसला उस एक याचिका पर आया है जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा से जुड़ी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंसा पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की नींद तीन दिन बाद अब खुली है। वह भी आधी रात को। या यूँ कहें कि वह अब होश में आए हैं। वह भी तब जब यह हिंसा पूरी तरह बेकाबू हो गई।
जाफराबाद-मौजपुर क्षेत्र में रविवार को शुरू हुई हिंसा के बाद पाँच दिन में मृतकों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है और 250 से ज़्यादा लोग घायल हैं। अधिकतर लोगों की मौत गोली लगने से हुई है।
दिल्ली में हो रही हिंसा की कवरेज करने जाफ़राबाद गये एक फ़ोटोग्राफ़र भी उपद्रवियों के बीच फंस गये। उन्होंने अपनी जो कहानी बताई है, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
नागरिकता क़ानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा के कारण दिल्ली का माहौल बेहद तनावपूर्ण है। पुलिस ने फ़ायरिंग करने वाले शख़्स को गिरफ़्तार कर लिया है।
दिल्ली हिंसा में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के 'भड़काऊ भाषण' को लेकर बीजेपी के ही नेता गौतम गंभीर ने आलोचना की है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा है कि ऐसे नेता के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ जाफराबाद में शांतिपूर्वक प्रदर्शन में आख़िर ऐसा क्या हो गया कि इतने बड़े स्तर पर हिंसा हो गई और एक पुलिसकर्मी सहित पाँच लोगों की मौत हो गई? इस हिंसा से पहले वहाँ क्या-क्या हुआ और इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है?
नागरिकता क़ानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में हो रही हिंसा को रोक पाने में दिल्ली पुलिस विफल रही है। हिंसा में शामिल लोगों पर वह कार्रवाई क्यों नहीं करती?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के दिल्ली पहुँचने से पहले ही नागरिकता संशोधन क़ानून पर प्रदर्शन में दो गुटों में झड़प हो गई और हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित पाँच लोगों की मौत हो गई।