क्या दिल्ली में दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के पास पर्याप्त संख्या में जवान नहीं थे। अगर जवान होते तो क्या प्रदर्शनकारियों की भीड़ पुलिस पर पत्थर बरसा पाती?
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो मुसलिम युवकों के पीटे जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि उनको दिल्ली में हिंसा की प्रतिक्रिया के तौर पर पीटा गया है।
अनुच्छेद 370 में बदलाव करने के 7 महीने बाद अब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोशल मीडिया से पाबंदी हटा ली है। हालाँकि लोगों को इंटरनेट की स्पीड 2जी की ही मिलेगी।
सूत्रों के मुताबिक़, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर मिश्रा को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसके तहत उन्हें 9 सुरक्षाकर्मी दिये गये हैं और ये 24 घंटे उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
आज़ाद, ओमप्रकाश राजभर दलितों, पिछड़ों और मुसलिम समाज के बड़े हिस्से को जोड़ने में कामयाब रहते हैं तो निश्चित रूप से योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अन्य लोगों, जिन्होंने भड़काऊ भाषण दिये उनके ख़िलाफ अदालत एफ़आईआर करने का आदेश दे।
दिल्ली हिंसा से पहले विधानसभा चुनाव में 'गोली मारो...' का जो नारा दिल्ली में लगा था वह अब कोलकाता भी पहुँच गया है। देश के गृह मंत्री अमित शाह की कोलकाता की रैली में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर यह नारा लगाया।
नाम 'शांति मार्च'। और नारे लगाए गए- 'किसी को मत माफ़ करो, जिहादियों को साफ़ करो', 'देश के गद्दारों को, गोली मारो ... को'। यह कैसा शांति मार्च! क्या बंदूक़ की गोली से कभी शांति आ सकती है?
जिस भड़काऊ नारे 'गोली मारो... को' को लगाकर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर चर्चा में रहे थे अब एक ग्रुप ने उसी नारे को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर लगाया है।