सूत्रों के मुताबिक़, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर मिश्रा को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसके तहत उन्हें 9 सुरक्षाकर्मी दिये गये हैं और ये 24 घंटे उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
आज़ाद, ओमप्रकाश राजभर दलितों, पिछड़ों और मुसलिम समाज के बड़े हिस्से को जोड़ने में कामयाब रहते हैं तो निश्चित रूप से योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अन्य लोगों, जिन्होंने भड़काऊ भाषण दिये उनके ख़िलाफ अदालत एफ़आईआर करने का आदेश दे।
दिल्ली हिंसा से पहले विधानसभा चुनाव में 'गोली मारो...' का जो नारा दिल्ली में लगा था वह अब कोलकाता भी पहुँच गया है। देश के गृह मंत्री अमित शाह की कोलकाता की रैली में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर यह नारा लगाया।
नाम 'शांति मार्च'। और नारे लगाए गए- 'किसी को मत माफ़ करो, जिहादियों को साफ़ करो', 'देश के गद्दारों को, गोली मारो ... को'। यह कैसा शांति मार्च! क्या बंदूक़ की गोली से कभी शांति आ सकती है?
जिस भड़काऊ नारे 'गोली मारो... को' को लगाकर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर चर्चा में रहे थे अब एक ग्रुप ने उसी नारे को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर लगाया है।
दंगाइयों की भीड़ दिल्ली के करावल नगर में रहने वाले लोगों के घरों में घुसना चाहती थी तो ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने दिल्ली की सीमा में घुसकर उन्हें खदेड़ दिया।
एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है कि हिंसा शुरू होने से एक दिन पहले यानी रविवार को ट्रकों में भरकर बाहर से लोग और ईंट-पत्थर लाए गए थे। शायद साथ में हथियार भी हों। इससे साफ़-साफ़ लगता है कि दंगा कराया गया है।
क्या दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से करती तो दिल्ली दंगा हो पाता? बिल्कुल नहीं। अब जो रिपोर्टें आ रही हैं वे सभी इसके सबूत हैं। अब रिपोर्ट आई है कि मदद के लिए या दंगा रोकने के लिए चार दिन में 13 हज़ार से ज़्यादा फ़ोन कॉल पुलिस को किया गया।