केरल और तमिलनाडु की सरकारों के रूख से पता चलता है कि उनका राज्यपालों के साथ घमासान बढ़ सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि तमाम विपक्षी दलों की सरकारों वाले राज्यों में आखिर इस तरह का घमासान क्यों है और यह घमासान कैसे थमेगा।
हिमाचल प्रदेश में सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है। 68 सीटों वाले इस प्रदेश में कौन सी ऐसी सीटें हैं, जिन पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजर लगी हुई है और इन सीटों से कौन-कौन से नेता चुनाव मैदान में हैं।
अदालत जैकलीन फर्नांडीस की ओर से 200 करोड़ रुपए की उगाही के मामले में दायर जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी। अदालत ने ईडी के कामकाज को लेकर सख्त टिप्पणी की है।
डिंपल यादव को 2009 के लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद सीट पर कांग्रेस के नेता राज बब्बर से हार मिली थी। डिंपल कन्नौज से 2012 में लोकसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं। 2014 में वह कन्नौज से लोकसभा का चुनाव जीती थीं। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार गई थीं। क्या वह मैनपुरी में जीत पाएंगी?
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को घाटलोडिया, गृह मंत्री हर्ष संघवी को मजुरा, हार्दिक पटेल को वीरमगाम, क्रिकेटर रवींद्र सिंह जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को जामनगर उत्तम सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है।
पंजाब में पिछले कुछ महीनों के अंदर कई ऐसे वाकये हुए हैं जो आतंकवाद का दंश झेल चुके इस सरहदी सूबे के लिए कतई ठीक नहीं हैं। क्या पंजाब फिर से अशांत हो रहा है।
बीजेपी के लिए इस बार बागी नेता मुसीबत का सबब बन गए हैं। 68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को 16 सीटों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है। तो क्या इस बार सत्ता में उसकी वापसी मुश्किल है?
क्या है पात्रा चॉल री-डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट और इसमें संजय राउत पर क्या आरोप हैं। ईडी का इस मामले में क्या कहना है और पीएमएलए अदालत ने अपने आदेश में क्या अहम बातें कही हैं।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी विधान परिषद और आजमगढ़, रामपुर और गोला गोकर्णनाथ में भी चुनाव जीत चुकी है। क्या आगामी उपचुनावों में सपा और आरएलडी उसे रोक पाएंगे?
एसजीपीसी चुनाव में बीबी जगीर कौर की बगावत के बाद शिरोमणि अकाली दल की मुश्किलें बढ़ी हैं। हालांकि अकाली दल ने चुनाव में जीत हासिल की है लेकिन बादलों के नेतृत्व को पार्टी में लगातार चुनौती मिल रही है।
पंजाब की सियासत में पिछले 3 दशक में एसजीपीसी और शिरोमणि अकाली दल पर बादल परिवार की मजबूत पकड़ रही है लेकिन लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी के अंदर से प्रकाश और सुखबीर बादल के नेतृत्व को चुनौती मिलनी शुरू हुई है। इससे शिरोमणि अकाली दल के सियासी भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।
हर-हर महादेव फिल्म को लेकर आखिर विवाद क्यों है। एनसीपी कार्यकर्ताओं का इस फिल्म को लेकर क्या कहना है? क्या इसमें वाकई छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है।
मोरबी पुल हादसे को लेकर क्या गुजरात हाई कोर्ट इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कोई सख्त कार्रवाई करेगा। क्योंकि जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग लगातार उठ रही है।
कांग्रेस के सामने राजनीतिक चुनौतियों का अंबार है और उसकी कोशिश भारत जोड़ो यात्रा के जरिये इन चुनौतियों पर जीत हासिल करने की है। महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस नेता उत्साहित हैं, क्या इस यात्रा से पार्टी को मजबूती मिलेगी?
पंजाब में सरकार बनाने के बाद से ही केजरीवाल गुजरात के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी गुजरात में कैसा प्रदर्शन करेगी, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन ऐसा उन्होंने किस आधार पर कहा कि कांग्रेस की गुजरात में 5 से कम सीट आएंगी?