मणिपुर में पिछले साल से शुरू हुई हिंसा से पहले मणिपुर हाईकोर्ट का जो विवादास्पद आदेश आया था उसको लेकर अब बड़ा फ़ैसला लिया गया है। जानिए, हाईकोर्ट ने क्या फ़ैसला लिया।
एनसीपी शरद पवार गुट के 10 विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं करने के महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के फैसलो को एनसीपी अजीत पवार गुट ने मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा से मंगलवार को मराठाओं के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पास हो गया है। अब इस विधेयक को महाराष्ट्र की शिंदे सरकार विधान परिषद में पेश करेगी।
कई महीनों से हिंसा को लेकर सुर्खियों में रहे मणिपुर में फिर से हिंसा हुई है। जानिए, हथियारबंद लोगों के साथ वीडियो में दिखने पर पुलिसकर्मी को लेकर यह हंगामा क्यों हुआ।
इससे पहले बिहार विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो चुका है। इसके साथ ही फ्लोर टेस्ट से पहले नीतीश सरकार को बहुमत मिल गया था। इसके बाद फ्लोर टेस्ट पर चर्चा हुई।
झारखंड में राजनैतिक संकट छाया हुआ है। हेमंत सोरेन ने बुधवार को ही इस्तीफा दे दिया था। महागठबंधन की ओर से सरकार बनाने का दावा भी बुधवार की ही रात पेश किया जा चुका है लेकिन अब तक राज्यपाल ने महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दे दिया है, राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उनके इस्तीफे के बाद अब चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं।
मणिपुर में हिंसा ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है। जानिए, ताज़ा हिंसा में पाँच मेइती की हत्या कैसे हुई और विदेशी आतंकवादियों को लेकर क्या खुफिया रिपोर्ट है।
मणिपुर पुलिस के अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की हत्या के मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों में से एक आरोपी भाजपा का जिला स्तर का नेता है। वहीं दूसरा आरोपी पूर्व सैनिक है। इन्हें म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर के तेंगनौपाल ज़िले के मोरेह शहर से गिरफ्तार किया गया है।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिंदे गुट को असली शिव सेना बताए जाने पर शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि आज का फैसला कोई न्याय नहीं है। यह एक षड्यंत्र है, हम सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएंगे। हमारी लड़ाई न्यायालय में जारी रहेगी।
मणिपुर से अच्छी खबर आई है। बुधवार को सामने आई जानकारी के मुताबिक यहां के सबसे पुराने सशस्त्र विद्रोही ग्रुप यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट या यूएनएलएफ हिंसा छोड़ने के लिए सहमत हो गया है।
मणिपुर में हिंसा शुरू हुए छह महीने से ज़्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी भी हिंसा की छिट-पुट घटनाएँ क्यों हो जा रही हैं? इसका समाधान क्या है? जानिए, शीर्ष सैन्य अधिकारी ने क्या कहा है।
इन उग्रवादी समूहों पर देश विरोधी गतिविधियों और सुरक्षाबलों पर हमले का आरोप है। गृह मंत्रालय का मानना है कि इन मैतेई चरमपंथी संगठनों पर तत्काल अंकुश और नियंत्रण करना जरुरी है।
यह सवाल राजकीय खज़ाने के खस्ता हालातों के चलते खड़ा हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त की रेवड़ियां बांटे जाने को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारों के साथ ही केन्द्र सरकार, चुनाव आयोग और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस दिए हैं।