कोरोना महामारी के संकट के दौरान जब लाखों श्रमिक महानगरों को छोड़कर जा रहे हैं, ऐसे में रेल को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों के बीच हो रही राजनीति बेहद दुखद है।
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार में फ़ैसले लेने में कांग्रेस की प्रमुख भूमिका नहीं है।
मध्य प्रदेश को शिवपुरी ज़िले से शर्मसार करने वाली फिर एक तसवीर सामने आयी है। लू के थपेड़ों और 45 डिग्री के लगभग ट्रेम्प्रैचर के बीच मजबूर मज़दूरों को सीमा पर बने शौचालयों में दिन बिताना पड़ा।
हिंदू की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई और बेटे ने कथित रूप से उनकी चिता को आग देने से इनकार कर दिया। स्थानीय संगठन से जुड़े मुसलिम युवकों ने अंतिम संस्कार किया और चिता को आग भी दी।
पश्चिम बंगाल की राजनीति इस स्तर तक पहुँच चुकी है कि अब इन चीजों पर राजनीति की जा रही है और विरोधियों को शह-मात देने के खेल में इन्हें मोहरे की तरह चला जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ द्वारा बाहरी प्रदेशों से लौटे कामगारों के कोरोना संक्रमित होने के आंकड़े दिए जाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनसे तल्ख सवाल पूछे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यदि कोई दूसरा राज्य उत्तर प्रदेश के लोगों को नौकरी पर रखना चाहता है तो उसे पहले यूपी सरकार से अनुमति लेनी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े प्रशंसक और स्वदेशी के बड़े पैरोकार बाबा रामदेव और उनकी कंपनी ‘पतंजलि’ इंदौर में कोरोना पाॅजिटिव रोगियों पर आख़िर कौन-सा प्रयोग करना चाहती थी?
महाराष्ट्र और मुंबई में कोरोना का संकट देश में सर्वाधिक है लेकिन उससे हटकर यहाँ सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव का एक नया ही खेल चल रहा है। एक विवाद पर पर्दा गिरता है तो दूसरा शुरू हो जा रहा है।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले में पुलिस का बेहद बर्बर और शर्मनाक चेहरा सामने आया है। नशे की लत के शिकार एक युवक की पुलिस वालों ने तब तक डंडे और लात-जूतों से पिटाई की जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया।
एक रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में ही 9 मई तक 116 मौतें रिपोर्ट हो चुकी हैं तो भला दिल्ली सरकार कैसे यह दावा कर सकती है कि सिर्फ़ 66 मौतें ही हुई हैं।