जम्मू और कश्मीर से छीन लिए गए विशेष संवैधानिक दर्जे (स्टेटहुड) को बहाल करने के लिए कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं की प्रतिबद्धता केवल ज़बानी जमा खर्च साबित हो रही है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के बीजेपी के साथ छोड़ने के बाद कई तरह के सवाल पंजाब की सियासत में खड़े हो रहे हैं।
चिराग ने बीजेपी के सामने माँग रही है कि उनकी पार्टी बिहार में बड़े भाई की भूमिका अदा करते हुए ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़े। लेकिन क्या बीजेपी और जेडीयू बड़े भाई की भूमिका देने को तैयार होंगे?
दिल्ली दंगे के छह महीने बाद भी सभी पीड़ितों को राहत नहीं मिल पाई है। दिल्ली सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि प्रभावित परिवारों को राहत मिलने में देरी हुई, हर्जाना कम मिला है, हर्जाने की माँग वाले कई आवेदनों को ग़लत तरीक़े से खारिज़ किए गए हैं।
येदियुरप्पा को कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद छोड़कर किसी बड़े राज्य का राज्यपाल बनने के लिए राज़ी करने की लगातार कोशिशें हो रही हैं। लेकिन येदियुरप्पा कर्नाटक छोड़ने को तैयार ही नहीं हैं।
इस साल फ़रवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और जाफ़राबाद समेत कुछ इलाक़ों में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।
क्या दिल्ली पुलिस इस साल फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगों के बहाने समान नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ आन्दोलन चलाने वालों को फंसाना चाहती है? क्या उसका मक़सद दंगों की जाँच और उसके दोषियों को सज़ा दिलाना नहीं है?
क्या सरकार संसद में लिखित प्रश्न के उत्तर में चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर झूठ बोल रही है? क्या गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय पूरे देश को आधिकारिक तौर पर गुमराह कर रहे हैं?
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद भी इस पर राजनीति थम नहीं रही है, न ही राम के राजनीतिक इस्तेमाल की कोशिश। बीजेपी के तीन सासंद-परवेश साहेब सिंह वर्मा, मनोज तिवारी और रवि किशन आगे बढ़ कर भव्य राम लीला का आयोजन कर रहे हैं।
केरल में विधानसभा चुनाव होने तक वामपंथी पार्टियों और कांग्रेस के बीच किसी भी स्तर पर ‘दोस्ती’ नहीं रहेगी और दोनों एक-दूसरे के राजनीतिक विरोधी की तरह बर्ताव करेंगे।