एक महत्वपूर्ण आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा की समिति से कहा है कि वह फ़ेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक अजीत मोहन के ख़िलाफ़ 15 अक्टूबर तक कोई कार्रवाई न करे।
दिल्ली पुलिस फरवरी में राजधानी में हुए दंगों में लोगों को फँसाना चाहती है, यह इससे साफ है कि इसने दंगों की साजिश के पीछे जो कहानी गढ़ी, उसका बड़ा झूठ पकड़ा गया। इस झूठ के पकड़े जाने के बाद दिल्ल पुलिस ने एक दूसरी चार्जशीट दाख़िल की।
देश में क्या अफीम की खेती की आवश्यकता है? यह सवाल सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद हालातों में मौत और इसमें बाॅलीवुड के कथित ड्रग्स कनेक्शन के बाद फिर गहरा गया है।
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के बारे में। पांडेय के बारे में पिछले कुछ महीने से इस तरह की जोरदार चर्चा थी कि वे बिहार के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं और अब यह बात सच साबित होती दिख रही है।
पिछले साल महाराष्ट्र में जब शिव सेना ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाकर सरकार बनाई थी, तब यह सवाल उठा था कि क्या यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी।
क्या दिल्ली पुलिस इस साल फरवरी में राजधानी में हुए दंगों के असली दोषियों तक पहुँचना ही नहीं चाहती है? क्या वह दंगाइयों को बचाने के लिए दंगे की असली वजह की तलाश करने के बजाय इधर-उधर की बात कर रही है?
बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था की खामियाँ लगातार उजागर होती रही हैं। नीतीश कुमार सुशासन लाने का ढोल पीटते रहे हैं, लेकिन इस मोर्चे पर सरकार की विफलता क्या चुनाव पर कोई असर डालेगी?