उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हाथरस बलात्कार व हत्या मामले में दोषियों को सज़ा दिलाने के बजाय उन लोगों को निशाने पर ले रही है, जिन्होंने इस मुद्दे को लेकर उसकी आलोचना की है। वह अपने विरोधियों को भी इसी बहाने फँसाने की कोशिश भी कर रही है।
अपनी शेरो-शायरियों और अलग ही अंदाज में भाषण देने की कला से चर्चा बटोरने वाले नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर अपनी पुरानी पार्टी बीजेपी में लौटने के लिए तैयार हैं।
बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व में एआईयूडीएफ़ ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने पर सहमति जताई है।
कोलकाता से सटे उत्तर 24 पररगना ज़िले के बैरकपुर इलाक़े में रविवार रात मोटरसाइकिल पर सवार कुछ अज्ञात हमलावरों ने बेहद नज़दीक से गोली मार कर शुक्ल की हत्या कर दी।
उत्तर प्रदेश सरकार फ़ोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की जिस रिपोर्ट के आधार पर हाथरस में बलात्कार की घटना को सिरे से खारिज कर रही थी, उस रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया गया है।
सरकारी तंत्र का दावा है कि बहुसंख्यक समाज में फूट डालने के लिए मुसलिम देशों और इसलामिक कट्टरपंथी संगठनों से पैसा आया था। हालांकि पैसा आने का कोई सुबूत पेश नहीं किया गया है।
लोक जनशक्ति पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए से बाहर होकर लड़ेगी। भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड दोनों इस बात को मान चुके हैं कि अब उन्हें लोजपा के बिना चुनाव लड़ना होगा और उसी हिसाब से अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं।
योगी की पुलिस ने ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। लेकिन सवर्ण खुलकर बैठक कर रहे हैं।
सुशांत मामले में जिस तरह बीजेपी कूदी और उसने ठाकरे सरकार को घेरा, उसी तरह अब शिव सेना ने महाराष्ट्र में हाथरस मामले को लेकर प्रदर्शन किया है। मतलब साफ है कि अब ठाकरे सरकार भी भिड़ने के लिए तैयार है।
हाथरस कांड की पीड़िता का मेडिको-लीगल रिपोर्ट उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रशासन, योगी आदित्यनाथ सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी के बलात्कार न होने के तमाम दावों की धज्जियाँ उड़ा कर रख देता है।