ज़बरदस्त कोरोना संक्रमण की चपेट में आई दिल्ली में बेड कम पड़ने की समस्या को लेकर हाई कोर्ट ने कहा है कि 33 निजी अस्पतालों में 80 फ़ीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित रखे जा सकते हैं।
ऐसे समय जब पूरी दुनिया में वामपंथ का मर्सिया पढ़ दिया गया है, भारत में दक्षिणपंथी और विभाजनकारी ताक़तें हावी हैं और बीजेपी व नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है, इसके उलट वामपंथी दलों ने बिहार में ज़बरदस्त चुनावी नतीजे लाकर सबको हैरत में डाल दिया है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनता दल ने 144 सीटों पर लड़कर सर्वाधिक 23.1 प्रतिशत मत प्राप्त किये और इसे सर्वाधिक 75 सीटें मिली हैं। दूसरी ओर महज एक सीट पीछे रही बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़कर 19.5 प्रतिशत वोट के साथ 74 सीटें जीती हैं।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 7 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनावों में 6 सीटें जीतकर अपनी पहले की स्थिति बरक़रार रखी है, जबकि मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को एक सीट मिली है।
मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव ने शिव ‘राज’ और भारतीय जनता पार्टी की सत्ता पर पक्की मुहर लगा दी है। अब तक घोषित सभी 9 सीटें बीजेपी ने जीत ली हैं और विधानसभा में उसके सीटों की संख्या 116 हो गई। इस तरह उसे बहुमत मिल गया।
एनडीए व महागठबंधन के बीच काँटे की टक्कर है, स्थिति पेचीदिगियों से भरी हुई है। इस बीच यह भी ख़बर मिल रही है कि 123 ऐसी सीटें हैं, जहां एनडीए-महागठबंधन के बीच 3,000 से भी कम वोटों का अंतर है।
तीन चरणों में हुए बिहार विधानसभा चुनावों के वोटों की गिनती जारी है। कुल 243 सीटों पर चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल युनाइटेड की अगुआई में एनडीए एक तरफ है तो तेजस्वी यादव वाले राष्ट्रीय जनता दल की अगुआई में महागठबंधन मैदान में है।
तमाम एग़्जिट पोल यही बता रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए चारों खाने चित्त होने जा रहा है। यह सवाल पूछा जाएगा कि आख़िर क्या हो गया कि देश के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू बिहार में नहीं चला?
लेडी श्रीराम कॉलेज की एक छात्रा ने तेलंगाना में आत्महत्या कर ली। उनका परिवार पहले से ही कर्ज में डूबा था और लॉकडाउन में कमाई भी ख़त्म हो गई थी। इस वजह से ऐश्वर्या ऑनलाइन पढ़ाई करने में सक्षम नहीं थीं।