भारतीय जनता पार्टी जिस तरह धनबल और कई तरह के दबावों का प्रयोग कर कांग्रेस और दूसरे विरोधी दलों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी ओर मिला कर सरकार गिराने-बनाने का खेल पूरे देश में खेलती है, असम में वह स्वयं उसका शिकार हो सकती है।
अब जब चौधरी बीरेंद्र सिंह किसानों के समर्थन में खुलकर उतर आए हैं तो बीजेपी के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। चौधरी बीरेंद्र सिंह शुक्रवार को सांपला में छोटूराम पार्क में चल रहे धरने में पहुंचे और किसानों को समर्थन दिया।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और सत्ता के सबसे बड़े दावेदार के तौर पर उभरी भारतीय जनता पार्टी के बीच लगातार तेज़ होती राजनीतिक शतरंज की बाज़ी में राज्य काडर के आईपीएस अधिकारी मोहरा बनते जा रहे हैं।
दिल्ली के टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे किसानों से परेशान मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतें भी मैदान में आ गई हैं।
राम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद इसे जनता की भावनाओं व आस्था से जुड़े रखने की तैयारी की जा रही है। मंदिर का सियासी फ़ायदा उठाने के लिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों तक राम मंदिर मुद्दे को जिंदा रखा जाएगा।
केजरीवाल ने जब कृषि क़ानूनों की कॉपी फाड़ी तो आम आदमी पार्टी के विधायकों ने डेस्क थपथपाकर उनके इस क़दम का स्वागत किया और जय जवान-जय किसान के नारे लगाए।
पार्टी नेताओं के बीच खींचतान-तनातनी, तू-तू, मैं-मैं और ज़बरदस्त गुटबाज़ी की वजह से कांग्रेस पार्टी को केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में जीत नहीं मिल पायी है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग ने एमपी सरकार को निर्देश दिया है कि वह शक के घेरे में आए सभी तत्कालीन मंत्रियों और अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करे। कमलनाथ की मुश्किल बढ़ेगी।