देश की राजधानी के नगर निगम में सत्ता हासिल करने के लिए बीते कई महीनों से बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जोरदार कशमकश चल रही थी। एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली है। इस तरह 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई है।
68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 35 विधायकों का समर्थन चाहिए। ऐसे में दोनों दलों के बीच एक-एक विधायक को लेकर जबरदस्त लड़ाई है क्योंकि एक-एक विधायक बेहद अहम है।
नगर निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता है। इसका मतलब पार्षद अपना पाला बदल सकते हैं क्योंकि उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। ऐसी स्थिति में बीजेपी और आम आदमी पार्टी, दोनों पार्टियों को इस बात का डर है कि उनके पार्षद उन्हें छोड़कर दूसरे राजनीतिक दल के साथ जा सकते हैं।
2012 और 2017 में एमसीडी में 272 वार्डों के लिए चुनाव हुआ था लेकिन नए परिसीमन के बाद अब इनकी संख्या 250 हो गई है। बीजेपी 15 साल तक लगातार एमसीडी की सत्ता में रही है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने उसे हरा दिया है।
कर्नाटक रक्षण वैदिके नाम के संगठन के कार्यकर्ताओं ने ट्रक पर पत्थर फेंके। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से बात की है और इस घटना को लेकर नाराजगी जताई है।
इस घटना का सीसीटीवी वीडियो सामने आया है जिसमें दो लोग गुरुद्वारे के भीतर दिखाई दिए हैं। इन्होंने गुरुद्वारे की गोलक तोड़ने की कोशिश की। इन दोनों ही लोगों को प्रवासी मजदूर बताया जा रहा है।
नवजोत सिंह सिद्धू के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि वह प्रदेश कांग्रेस को एकजुट करके पंजाब में 2024 की चुनावी लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे। यह देखने वाली बात होगी कि क्या वह खुद में बदलाव करेंगे और कांग्रेस को मजबूत करने के काम में जुटेंगे?
मैनपुरी लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव आमने-सामने हैं। सपा ने मतदान में गड़बड़ियों की ढेरों शिकायतें की हैं।
अगर गहलोत व पायलट खेमों के बीच यह लड़ाई बंद नहीं हुई तो 2023 का विधानसभा चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा। देखना होगा कि क्या भारत जोड़ो यात्रा से राजस्थान में यह लड़ाई खत्म होगी।
एबीवीपी के छात्रों ने इन प्रोफेसर्स के खिलाफ क्या आरोप लगाए थे। इन आरोपों के पीछे क्या आधार दिया गया है? इस बारे में सरकारी लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल का क्या कहना है?
बीसवीं सदी की इस सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी के पीड़ितों को अब तक इंसाफ नहीं मिला है। लोग उचित मुआवजे के लिए आज भी संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन गंभीर रूप से बीमार श्याम स्वरूप ब्यौहार इस गैस कांड के बाद ठीक हो गए थे। पढ़िए, उनके बारे में।
गुजरात में चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती रही है। 182 सीटों वाली गुजरात की विधानसभा में मुश्किल से पांच-छह सीटों को छोड़कर बाकी सीटें इन्हीं दो राजनीतिक दलों की झोली में जाती हैं। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने के बाद मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया है।
पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है क्योंकि यहां से डेढ़ किलोमीटर दूर कोंतई कस्बे में शनिवार को ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की सभा होने वाली थी।