इस घटना का सीसीटीवी वीडियो सामने आया है जिसमें दो लोग गुरुद्वारे के भीतर दिखाई दिए हैं। इन्होंने गुरुद्वारे की गोलक तोड़ने की कोशिश की। इन दोनों ही लोगों को प्रवासी मजदूर बताया जा रहा है।
नवजोत सिंह सिद्धू के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि वह प्रदेश कांग्रेस को एकजुट करके पंजाब में 2024 की चुनावी लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे। यह देखने वाली बात होगी कि क्या वह खुद में बदलाव करेंगे और कांग्रेस को मजबूत करने के काम में जुटेंगे?
मैनपुरी लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव आमने-सामने हैं। सपा ने मतदान में गड़बड़ियों की ढेरों शिकायतें की हैं।
अगर गहलोत व पायलट खेमों के बीच यह लड़ाई बंद नहीं हुई तो 2023 का विधानसभा चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा। देखना होगा कि क्या भारत जोड़ो यात्रा से राजस्थान में यह लड़ाई खत्म होगी।
एबीवीपी के छात्रों ने इन प्रोफेसर्स के खिलाफ क्या आरोप लगाए थे। इन आरोपों के पीछे क्या आधार दिया गया है? इस बारे में सरकारी लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल का क्या कहना है?
बीसवीं सदी की इस सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी के पीड़ितों को अब तक इंसाफ नहीं मिला है। लोग उचित मुआवजे के लिए आज भी संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन गंभीर रूप से बीमार श्याम स्वरूप ब्यौहार इस गैस कांड के बाद ठीक हो गए थे। पढ़िए, उनके बारे में।
गुजरात में चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती रही है। 182 सीटों वाली गुजरात की विधानसभा में मुश्किल से पांच-छह सीटों को छोड़कर बाकी सीटें इन्हीं दो राजनीतिक दलों की झोली में जाती हैं। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने के बाद मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया है।
पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है क्योंकि यहां से डेढ़ किलोमीटर दूर कोंतई कस्बे में शनिवार को ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की सभा होने वाली थी।
विधेयकों के मुताबिक, राज्य के आदिवासी समुदाय को 32 फीसद जबकि ओबीसी को 27 फीसद, दलित समुदाय को 13 फीसद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में 4 फीसद आरक्षण मिलेगा।
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोगों को जय श्री राम के साथ ही जय सियाराम और हे राम भी कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग जिस भावना से राम ने अपनी जिंदगी जी, उस भावना से जिंदगी नहीं जीते हैं।
बीजेपी 15 साल तक लगातार एमसीडी की सत्ता में रही। इस बार आम आदमी पार्टी से उसे तगड़ी चुनौती मिल रही है। क्या आम आदमी पार्टी उसे हरा पाएगी? एमसीडी में इस बार किसका मेयर बनेगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
सीएसडीएस ने एमसीडी चुनाव 2022 को लेकर सर्वे किया है और इसमें यह बात सामने आई है कि दिल्ली के लोग इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर मानते हैं और कांग्रेस इस मुकाबले में तीसरे स्थान पर दिखाई देती है।