टाइम्स नाउ-सी वोटर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि असम में एनडी को 67 सीटें मिल सकती हैं जबकि यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी यूपीए को 57 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। इस तरह वहाँ यूपीए की सीटें पहले से कम होने के बावजूद उसकी सरकर बनने के आसार हैं।
140 विधानसभा सीटों वाले केरल में इस बार फिर से वाम दलों के गठबंधन लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ़) की सरकार बन सकती है, ऐसा टाइम्स नाउ सी वोटर का सर्वे बता रहा है।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2021 में यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी यूपीए को बहुत बड़ी बढ़त मिल सकती है और वह सरकार बना सकता है। 'टाइम्स नाउ- सी वोटर' के चुनाव- पूर्व सर्वेक्षण से यह पता चला है।
केंद्र सरकार ने जहाँ मुकेश अंबानी के घर के बाहर स्कॉर्पियो कार में मिले विस्फोटक की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानी एनआईए से कराने का फ़ैसला किया है, वंही महाराष्ट्र सरकार स्कॉर्पियो कार मालिक मनसुख हिरन मौत मामले की जाँच महाराष्ट्र एटीएस से कराने पर कायम है।
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाक़ात की है और थोड़ी देर बाद वह मीडिया से बात करेंगे।
उत्तर बंगाल के नाम से मशहूर पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए साख औऱ नाक का सवाल बनता जा रहा है। इस इलाके में 56 सीटें हैं। तृणमूल यहाँ कमजोर रही है। बीते लोकसभा चुनावों में तो उसका खाता तक नहीं खुल सका था।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले राजनीतिक सरगर्मी इतनी बढ़ गई है कि घात-प्रतिघात से बढ़ कर कटुता और निजी हमले तक बात पहुँच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निजी हमले किए और उन पर तंज किए।
हिन्दी फ़िल्मों के सुपर स्टार रहे मिथुन चक्रवर्ती रविवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें बीते कुछ समय से लगाई जा रही थीं। रविवार को इस अभिनेता ने औपाचारिक रूप से बीजेपी का हाथ थाम ही लिया।
सरकार ने यह क़ानून बना दिया है कि हरियाणा में प्राइवेट कारोबार में भी 50 हज़ार रुपए महीने से कम तनख्वाह वाली नौकरियों में 75 प्रतिशत पर सिर्फ हरियाणा के ही लोग रखे जा सकेंगे। 28 फरवरी को इस पर राज्यपाल ने दस्तखत कर दिए हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर के बजाय नंदीग्राम से चुनाव लड़ने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ऐसा इसलिए कर रही हैं कि वे अपनी पारपंरिक सीट पर असुरक्षित हैं जहाँ बीजेपी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है?