लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कुढ़नी में मिली जीत से बीजेपी का खुश होना स्वाभाविक है। इससे पहले गोपालगंज में भी उसे जीत मिली थी। लेकिन कुढ़नी में जेडीयू-महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार की हार का क्या मतलब है?
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने तमाम कार्रवाई के साथ विवादित किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति’ और फरहत खान की पीएचडी के कंटेट की जांच भी आरंभ कराई है। क्या है यह पूरा विवाद?
कांग्रेस भले ही 1995 से गुजरात की सत्ता से बाहर है लेकिन विधानसभा चुनाव में उसका वोट हमेशा 40 फीसद या इससे ज्यादा रहा था। लेकिन इस बार उसका वोट शेयर भी गिरा और सीटें भी। आखिर क्यों?
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए बड़ी लड़ाई प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री के बीच में होगी। देखना होगा कि कांग्रेस मुख्यमंत्री की कुर्सी किस नेता को सौंपती है।
गुजरात में चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती रही है। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने के बाद मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया था। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने राज्य में प्रचंड बहुमत हासिल किया है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया है। साल 1985 के बाद से ही हर विधानसभा चुनाव में हिमाचल में सत्ता बदलती रही है और इस बार भी ऐसा ही हुआ। अब देखना यह है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किस नेता को बैठाती है।
बीजेपी के द्वारा केजरीवाल सरकार के कुछ मंत्रियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामलों को मुद्दा बना लेने की वजह से क्या आम आदमी पार्टी एमसीडी का चुनाव बड़े अंतर से नहीं जीत सकी?
देश की राजधानी के नगर निगम में सत्ता हासिल करने के लिए बीते कई महीनों से बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जोरदार कशमकश चल रही थी। एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली है। इस तरह 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई है।
68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 35 विधायकों का समर्थन चाहिए। ऐसे में दोनों दलों के बीच एक-एक विधायक को लेकर जबरदस्त लड़ाई है क्योंकि एक-एक विधायक बेहद अहम है।
नगर निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता है। इसका मतलब पार्षद अपना पाला बदल सकते हैं क्योंकि उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। ऐसी स्थिति में बीजेपी और आम आदमी पार्टी, दोनों पार्टियों को इस बात का डर है कि उनके पार्षद उन्हें छोड़कर दूसरे राजनीतिक दल के साथ जा सकते हैं।
2012 और 2017 में एमसीडी में 272 वार्डों के लिए चुनाव हुआ था लेकिन नए परिसीमन के बाद अब इनकी संख्या 250 हो गई है। बीजेपी 15 साल तक लगातार एमसीडी की सत्ता में रही है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने उसे हरा दिया है।
कर्नाटक रक्षण वैदिके नाम के संगठन के कार्यकर्ताओं ने ट्रक पर पत्थर फेंके। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से बात की है और इस घटना को लेकर नाराजगी जताई है।