असम में पहले चरण में जिन 47 सीटों के लिए मतदान होना है, पिछली बार उनमें से बीजेपी ने 27 पर जीत हासिल की थी। असम गण परिषद (एजीपी) को 8, कांग्रेस को 9 और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़) को सिर्फ दो सीटें मिली थीं।
असम विधानसभा चुनाव के पहले दौर में 47 सीटों के लिए 27 मार्च को मतदान होने जा रहा है। कुल 126 विधानसभा सीटों में से इन 47 सीटों के लिए सबसे ज़्यादा अनुमान लगाए जा रहे हैं और भविष्यवाणियाँ भी की जा रही हैं।
आठ चरणों में बँटे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले चरण के लिए प्रचार कार्य गुरुवार की शाम खत्म हो गया। यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बल पर इन चरण की 30 सीटों में से कितने पर बीजेपी क़ब्ज़ा कर पाएगी।
असम विधानसभा चुनाव 2021 के प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी जिस तरह सीएए से पीछे हट चुकी है, एक नया समीकरण बन गया है। असम के मशहूर लेखक व आलोचक हिरेन गोहाईं का इस पूरे मामले में क्या सोचना है, पढ़े यह लेख।
केरल में मुक़ाबला मार्क्सवादियों के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच है।
विपक्ष के ज़ोरदार विरोध, ज़बरदस्त हंगामा और भारी शोर-शराबे के बीच एनसीटी विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया। इस विधेयक को लोकसभा की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।
एबीपी- सी वोटर चुनाव सर्वे के अनुसार, पुडुचेरी की 30 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए को 19 से 23 सीटें मिल सकती हैं। लेकिन कांग्रेस और डीएमके के गठबंधन को सात से 11 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
केरल विधानसभा चुनाव के बाद मौजूदा वाम मोर्चा सरकार की वापसी हो सकती है। केरल में हर विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल या उनके गठबंधन की हार होती है। लेकिन इस बार सत्तारूढ़ गठबंधन की जीत हो सकती है।
असम विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीत सकती है और उसकी सरकार बन सकती है। एबीपी-सी वोटर चुनाव पूर्व सर्वे पर भरोसा किया जाए तो इस राज्य में बीजेपी को 65 से 73 सीटें मिल सकती हैं।
ममता बनर्जी को बरमूडा पहनने की सलाह देना पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष को बहुत ही महँगा पड़ रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है और उन्हें 'विकृत मानसिकता वाला बंदर' तक कह दिया है।