पश्चिम बंगाल की मु्ख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से अपना गोत्र शांडिल्य बताया है। हालांकि उन्होंने इसे वोट से नहीं जोड़ा है, पर उनका मक़सद साफ है, वह यह बताना चाहती हैं कि वह हिन्दू हैं, ब्राह्मण हैं और उसमें भी उच्च गोत्र की कन्या हैं।
कैलाश चांदीवाल ठाकरे सरकार को छह महीने में अपनी रिपोर्ट सौपेंगे। इससे पहले खुद अनिल देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को खत लिखा था।
विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण के तहत पश्चिम बंगाल की 30 और असम की 39 सीटों के मतदान के लिए प्रचार कार्य मंगलवार की शाम ख़त्म हो गया। इन सीटों पर मतदान गुरुवार को होगा।
मुसलमानों को आरक्षण, मदरसे खोलने के फ़ैसले और मुसलिमों के विकास के लिए अब तक सबसे ज़्यादा पैसा देने के राज्य सरकार के फ़ैसलों पर मुहर लगाने वाले शुभेंदु अधिकारी अब कहते फिर रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस जीत गई तो नंदीग्राम 'मिनी पाकिस्तान' बन जाएगा।
बहुत ही तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से परेशान महाराष्ट्र सरकार एक बार फिर लॉकडाउन के बारे में गंभीरता से सोच रही है। कोरोना पर बने टास्कफ़ोर्स की बैठक के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब लॉकडाउन की तैयारी करें।
मध्य प्रदेश के गुना ज़िले में दंबगों द्वारा शमशान घाट का रास्ता रोक देने से एक दलित महिला का अंतिम संस्कार 24 घंटे रुका रहा। पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद दाह संस्कार हो पाया।
छिटपुट हिंसा, आरोप-प्रत्यारोप, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी के आरोपों और घात-प्रतिघात के बीच शनिवार को पश्चिम बंगाल में भारी मतदान हुआ। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के आठ चरणों में फैले चुनाव के पहले चरण में 30 सीटों के लिए मतदान हुआ।
असम में पहले चरण में जिन 47 सीटों के लिए मतदान होना है, पिछली बार उनमें से बीजेपी ने 27 पर जीत हासिल की थी। असम गण परिषद (एजीपी) को 8, कांग्रेस को 9 और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़) को सिर्फ दो सीटें मिली थीं।
असम विधानसभा चुनाव के पहले दौर में 47 सीटों के लिए 27 मार्च को मतदान होने जा रहा है। कुल 126 विधानसभा सीटों में से इन 47 सीटों के लिए सबसे ज़्यादा अनुमान लगाए जा रहे हैं और भविष्यवाणियाँ भी की जा रही हैं।
आठ चरणों में बँटे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले चरण के लिए प्रचार कार्य गुरुवार की शाम खत्म हो गया। यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बल पर इन चरण की 30 सीटों में से कितने पर बीजेपी क़ब्ज़ा कर पाएगी।
असम विधानसभा चुनाव 2021 के प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी जिस तरह सीएए से पीछे हट चुकी है, एक नया समीकरण बन गया है। असम के मशहूर लेखक व आलोचक हिरेन गोहाईं का इस पूरे मामले में क्या सोचना है, पढ़े यह लेख।