मणिपुर के मुख्यमंत्री भले ही अगले छह महीने में राज्य में शांति बहाली के दावे कर रहे हैं, लेकिन हालात अब और बदतर होते दिख रहे हैं। जानिए, ड्रोन और रॉकेट से हमले के बाद अब ताज़ा हिंसा की क्या स्थिति है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री भले ही अगले छह महीने में राज्य में शांति बहाली के दावे कर रहे हैं, लेकिन हालात ऐसे दिख नहीं रहे हैं। जानिए, बीजेपी नेता के घर को क्यों निशाना बनाया गया।
क्या मणिपुर में एक साल से ज़्यादा समय से चल रहे हिंसा को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर भारी दबाव है? जानिए, आख़िर मुख्यमंत्री और फिर एनडीए के 7 विधायक दिल्ली में क्यों पहुँचे हैं?
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि पिछले साल 3 मई को, मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से चला आ रहा तनाव हिंसा में बदल गया था। जिसमें तीन दिनों में कम से कम 52 लोगों की जान चली गई थी।
सेना ने अत्याधुनिक हथियारों के साथ सोमवार की देर रात 11 बदमाशों को पकड़ा था। इन्हें लेकर सैन्य काफिला जा रहा था तभी मैतेई महिलाओं के संगठन मीरा पैबिस की सदस्यों की एक भीड़ ने सेना के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया।
मणिपुर में जिन महिलाओं को नंगे घुमाया गया था, उन्होंने बचाने के लिए पुलिस से गुहार तक लगाई थी, लेकिन सहायता नहीं मिल पाई।जानिए, सीबीआई ने आरोपपत्र में क्या दावा किया है।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दूसरे चरण में शुक्रवार को कुल 68.49 प्रतिशत मतदान हुआ है। दूसरे चरण में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर यह मतदान हुआ है। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो चुका था और शाम 6 बजे तक चला था।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए शुक्रवार को 21 राज्यों में 102 सीटों के लिए मतदान शुरू हुआ है, लेकिन नगालैंड के छह जिलों में वोटिंग न के बराबर हुई है। जानिए, वजह।
पंजाब में अकेले अपने दम पर लोकसभा का चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी या आप ने चुनाव का नारा तय कर लिया है। सामने आई जानकारी के मुताबिक आप ने अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग नारे तैयार किए हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा एनडीए का कुनबा बढ़ाने की कोशिश में है। इसी बीच पिछले कई दिनों से अटकलें लग रही हैं कि भाजपा और बीजेडी के बीच गठबंधन हो सकता है। वहीं अब खबर आ रही है कि सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच पेंज फंस गया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी या एनआईए ने मंगलवार की लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी द्वारा कैदियों को कट्टरपंथी बनाने के मामले में सात राज्यों में छापेमारी की है। यह छापेमारी इन राज्यों में 17 ठिकानों पर हुई है।