इस मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्धों पर आरोप है कि उन्होंने एक शख्स की हत्या की थी और उसकी हत्या किए जाने का वीडियो अपने हैंडलर के साथ शेयर किया था।
संतोख सिंह चौधरी को यात्रा में चलते हुए अचानक दिल का दौरा पड़ा। चौधरी को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह जालंधर लोकसभा सीट से सांसद थे।
जिन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया है उनमें दो सब इंस्पेक्टर, चार असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, चार हेड कॉन्स्टेबल और एक कॉन्स्टेबल शामिल है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की विशेष आयुक्त शालिनी सिंह ने जांच की थी और जांच में इन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है।
दिल्ली सरकार द्वारा टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने के मामले में उप राज्यपाल ने क्या सवाल उठाया है? दिल्ली सरकार ने इस मामले में बीजेपी को निशाने पर क्यों लिया है?
सुधीर तांबे ने कहा है कि उन्होंने अपने बेटे सत्यजीत तांबे के लिए टिकट की मांग की थी लेकिन पार्टी ने उनका नाम घोषित कर दिया। कांग्रेस सुधीर तांबे और सत्यजीत तांबे पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का मन बना रही है।
सचिन पायलट के समर्थक साल 2018 में राजस्थान में कांग्रेस को मिली जीत का श्रेय अपने नेता को देते हैं और उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करते रहे हैं। देखना होगा कि पायलट अपनी जनसभाओं के जरिये क्या सियासी संदेश देते हैं।
कांग्रेस और सीपीएम जब मिलकर चुनाव में उतर रहे हैं तो निश्चित रूप से वे बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। अगर वे एक अन्य क्षेत्रीय दल तिपरा मोथा को साथ लाने में कामयाब हो जाते हैं तो सत्ता में वापसी का बीजेपी का रास्ता लगभग बंद हो सकता है। क्या हैं त्रिपुरा के सियासी समीकरण?
आम आदमी पार्टी को वसूली नोटिस के मामले में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि एक वक्त में नादिरशाह ने जिस तरह दिल्ली को लूटा था, उसी तरह आम आदमी पार्टी भी दिल्ली के खजाने को लूट रही है और इस वजह से दिल्ली के गरीबों का, दिल्ली की झुग्गी बस्तियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सूचना मांगी है कि आखिर यह कौन से विज्ञापन हैं जिनके लिए वसूली नोटिस दिया गया है और इनमें गैर कानूनी क्या है।
वसूली नोटिस में कहा गया है कि अगर आम आदमी पार्टी के संयोजक 10 दिनों के भीतर इस राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो दिल्ली के उपराज्यपाल के द्वारा दिए गए पुराने आदेश के मुताबिक पार्टी की संपत्तियों की कुर्की सहित सभी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अब जब नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया है कि बिहार सरकार में दो उप मुख्यमंत्री नहीं होंगे तो सवाल सबसे बड़ा यही है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा क्या करेंगे। क्या वह जेडीयू में बने रहेंगे?