मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी 2 सीटों चमकौर साहिब और आदमपुर सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। वर्तमान में चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब सीट से विधायक हैं।
धर्म संसद का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है जहां पर शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार को 10 दिन में जवाब देने का आदेश दिया था। इसके बाद हरकत में आते हुए उत्तराखंड पुलिस ने यह गिरफ़्तारी की है।
यूपी में ओबीसी आधार वाली एक और पार्टी अपना दल में भी टूट शुरू हो गई है। विधायक चौधरी अमर सिंह ने सपा में जाने की घोषणा कर दी है। अपना दल की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पर राजनीतिक फैसला लेने का दबाव बढ़ गया है। विधायक कह रहे हैं, बीजेपी से गठबंधन तोड़कर सपा से किया जाए।
बीजेपी अब केशव प्रसाद मौर्य के आगे रखकर ओबीसी मुद्दे की धार कमजोर करना चाहती है। मौर्य कितनी मदद कर पाएंगे, चुनाव अभियान शुरू होते ही स्थिति साफ हो जाएगी। पढ़िए पूरा विश्लेषण।
यूपी बीजेपी से विधायकों का पलायन लगातार जारी है। अब 14वें विधायक के रूप में बाला प्रसाद अवस्थी ने भी बीजेपी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है। पूरी कहानी जानिए।
बीजेपी में 8 ओबीसी विधायक अभी तक पार्टी छोड़ चुके हैं। जिनमें तीन मंत्री भी शामिल हैं। ताजा नाम डॉ धर्म सिंह सैनी का है। किसी पार्टी से इतने बड़े पैमाने पर ओबीसी नेताओं का मोहभंग बता रहा है कि बीजेपी का हिन्दुत्व का एजेंडा उसी पार्टी के तमाम नेताओं को नामंजूर है।
बीजेपी 1 से 2 दिन में उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची जारी कर सकती है। केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से जबकि उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा लखनऊ की किसी एक सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने घोषणा की थी कि पार्टी उत्तर प्रदेश में 40 फ़ीसदी टिकट महिलाओं को देगी। पार्टी ने लड़की हूं, लड़ सकती हूं, का नारा दिया है, जो काफी चर्चित हुआ है।