बग़ावत की खबरों के बाद बीजेपी नेतृत्व सक्रिय हो गया है। उत्तराखंड में पार्टी के बड़े नेताओं को टिकट न मिलने से नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हादसे की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां और पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे। 20 मंजिला यह इमारत कमला बिल्डिंग के नाम से जानी जाती है और मुंबई के ताड़देव इलाके में स्थित है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए सियासी रूप से बेहद उपजाऊ इलाका रहा है। बीते तीन चुनावों में पार्टी को यहां शानदार जीत मिली थी लेकिन एक साल तक चले किसान आंदोलन और सपा रालोद गठबंधन के चलते इस बार उसके सामने चुनौतियां ज्यादा हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिकटों के बंटवारे के बाद सपा रालोद गठबंधन और बीजेपी के अंदर घमासान मच गया है। बगावत होने के कारण दोनों के लिए ही हालात मुश्किल बन गए हैं और चुनाव दिलचस्प हो गया है।
शिवराज सरकार के द्वारा नई आबकारी नीति को मंजूरी दिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने शराबबंदी के खिलाफ़ मुहिम छेड़ने की बात क्यों कही है।
हरक सिंह रावत के फिर से कांग्रेस में जाने की चर्चाओं के बीच बीजेपी ने उन्हें कुछ दिन पहले उत्तराखंड सरकार और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उसके बाद से ही उनके कांग्रेस में शामिल होने की बात कही जा रही थी।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी जिनमें 4 किसान शामिल थे। एक ड्राइवर और बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की भीड़ ने जान ले ली थी। एक पत्रकार की मौत भी इस घटना में हुई थी।
बीजेपी लगातार दूसरे दलों को वंशवादी और परिवारवादी बताती है लेकिन उसे अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि नेता अपने बच्चों को टिकट दिलाने के लिए कितना दबाव पार्टी पर बना रहे हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि इस युवा घोषणापत्र को बनाने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरे उत्तर प्रदेश के जिलों, कस्बों, शहरों में युवाओं से बात की और तब इसे तैयार किया गया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने समुदाय विशेष से नफरत प्रदर्शित करते हुए चुनावी पोस्टर जारी किया। चुनाव अधिकारी ने इसे आचार संहिता उल्लंघन का मामला माना है। पोस्टर हटाने का निर्देश दिया गया है। जानिए पूरी कहानी।